उपचुनाव करहल सीट: उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी ने 6 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सपा ने करहल विधानसभा सीट से भी प्रत्याशी की घोषणा कर दी है, और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया है। हाल ही में सपा सांसद प्रो. राम गोपाल यादव ने करहल सीट से तेज प्रताप यादव के चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। अब सपा ने लिस्ट जारी कर तेज प्रताप यादव के नाम पर फाइनल मुहर लगा दी है।
तेज प्रताप ने संभाली पिता की कमान
वही अगर तेज प्रताप यादव की बात की जाए तो करहल से सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के पोते हैं। उनके पिता रणवीर सिंह यादव सैफई महोत्सव के संस्थापक रहे हैं। रणवीर सिंह यादव का निधन 2002 में हो गया था। उसके बाद तेज प्रताप ने उनकी कमान संभाली थी। तेज प्रताप यादव 2014 में मैनपुरी लोकसभा से उपचुनाव में पहली बार सांसद चुने गए थे। मैनपुरी लोकसभा सीट का सारा काम वे ही देखते थे। उनकी शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पुत्री राज लक्ष्मी यादव से साल 2015 में हुई थी। ऐसे में तेज प्रताप यादव पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के पोते और लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं।
राजनीतिक करियर की शुरूआत 2004 से हुई
इसी के साथ अगर तेज प्रताप यादव के राजनीतिक करियर और पढ़ाई की बात करें तो तेज प्रताप यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में 21 नवंबर 1987 को हुआ था। उन्होंने नोएडा के दिल्ली पब्लिक स्कूल में प्रारम्भिक पढ़ाई की है, जबकि एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा से बीकॉम ऑनर्स किया है। उच्च शिक्षा के लिए वे यूनाइटेड किंगडम गए और लीड्स विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की है। तेज प्रताप सिंह यादव ने अपना राजनीतिक करियर साल 2004 में शुरू किया था। सबसे पहले वे क्षेत्र पंचायत सदस्य सैफई से निर्विरोध चुने गए थे। साल 2011 में सैफई के ब्लाक प्रमुख निर्विरोध चुने गए थे, जबकि मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी से इस्तीफा देने के बाद 2014 में मैनपुरी सीट से लोकसभा चुनाव लड़कर बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।
लोकसभा चुनाव में करीब 9 विधायक सांसद बने
इसी के साथ बता दें कि लोकसभा चुनाव में तेज प्रताप यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी। यहां तक की कन्नौज लोकसभा सीट से तेज प्रताप यादव का नाम भी घोषित हो गया था, लेकिन नामांकन से ठीक पहले सपा ने तेज प्रताप यादव का टिकट काटकर अखिलेश यादव को उम्मीदवार बना दिया था। वहीं, करहल से विधानसभा पहुंचे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से चुनाव जीतने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। लोकसभा चुनाव में करीब 9 विधायक सांसद बने। साथ ही सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद उनकी सदस्यता चली गई है। इस तरह कुल 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। अब ये देखना काफी दिलचस्प होगा की क्या सपा की विरासत को मुलायम के पोते और लालू के दामाद तेज प्रताप यादव बचा पाते हैं या नहीं..