उत्तराखंड सरकार में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य अपने विवादित आदेश को लेकर आजकल चर्चा में हैं. दरअसल, उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों के लिए एक अनोखा फरमान जारी किया था. उन्होंने आदेश दिया था कि 26 जुलाई को समाप्त हो रही कांवड़ यात्रा के अवसर पर सभी अधिकारी शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और एक सेल्फी क्लिक कर भेजें और उत्तराखंड के विषम लिंगानुपात में सुधार करने का संकल्प लें.
रेखा आर्य के इस आदेश के बाद विवाद खड़ा हो गया. मामले में विवाद बढ़ता देख रेखा आर्य को सफाई देनी पड़ी. उन्होंने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस की और मामले में अपनी सफाई प्रस्तुत की. रेखा आर्य ने कहा कि राज्य में लिंगानुपात की विषमता को लेकर सरकार गंभीर है और इस दिशा में महिला एवं बाल विकास बेहद भूमिका में है.
उन्होंने आगे कहा कि उनके द्वारा पूर्व में जारी किए गए पत्र का गलत अर्थ निकाला गया. महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने आगे कहा कि इस मामले को लेकर उनके मन में कोई गलत भाव नहीं था, उनकी मंशा या इच्छा किसी धर्म को ठेस पहुंचाने की नहीं थी. उन्होंने कहा कि इस समाज में कुछ गलत लोग भी हैं, जिन्होंने मेरे पत्र का गलत अर्थ निकालकर विवाद खड़ा किया.
अपने आदेश पर सफाई देते हुए मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि विभागीय अफसरों को जो आदेश जारी किए गए थे, वह उनकी स्वेच्छा पर निर्भर करता है. सेल्फी लेकर फोटो विभागीय ईमेल पर भेजना भी स्वेच्छा पर हैं. यहीं नहीं आदेश के पीछे अपनी मंशा पर सफाई देते हुए उन्होंने आगे यह भी कहा कि जलाभिषेक कर संकल्प लेने का आदेश भी अधिकारियों के लिए स्वैच्छिक था.