मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति में जेम पोर्टल कारगर साबित हो रहा है। सीएम योगी ने जेम पोर्टल से उत्पाद या सेवा की खरीद नहीं करने वाले विभागों और अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। अपर मुख्य सचिव एमएसएमई ने ई टेंडरिंग करने वाले विभागों को पत्र भेजा है। इसके बाद भी जेम से खरीदारी नहीं करने वाले विभागों के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की जाएगी।
सीएम योगी ने प्रदेश में विभागीय खरीद में पारदर्शिता और गुणवत्ता युक्त उत्पादों के लिए जेम पोर्टल से खरीदारी अनिवार्य की है। इस बाबत मुख्य सचिव के स्पष्ट निर्देश हैं कि जो उत्पाद या सेवाएं जेम पोर्टल पर उपलब्ध हैं, उनकी खरीद अनिवार्य रूप से जेम पोर्टल से ही की जाए। इससे एक तो सरकारी धन की बचत होती है, दूसरे गुणवत्तायुक्त उत्पाद या सेवाएं भी विभागों को मिलते हैं। जो विभाग अभी जेम पोर्टल से नहीं जुड़ पाए हैं, उन्हें प्राथमकिता के आधार पर जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप जेम पोर्टल को पारदर्शिता के लिए लागू किया गया है। समीक्षा में सामने आया है कि अभी भी कुछ विभाग या अधिकारी ई टेंडरिंग कर रहे हैं, उन्हें पत्र भेजा जा रहा है। इसके बाद भी ई टेंडरिंग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की जाएगी।
जेम पोर्टल से 22,479 करोड़ रुपए की खरीदारी हुई
जेम पोर्टल के नोडल विभाग एमएसएमई ने विक्रेताओं का पंजीकरण एक मिशन मोड में किया है। जिस कारण अब जेम पोर्टल पर करीब 45 लाख विक्रेता देश भर से रजिस्टर्ड हैं। इसमें तीन लाख 75 हजार यूपी से हैं और 70 हजार से अधिक सूक्ष्म और लघु उद्यमी हैं, इनसे सर्वाधिक 1198 करोड़ की 70 फीसदी खरीदारी की गई है। सरकारी विभागों की बात करें तो जेम पर 14,294 सरकारी खरीदार रजिस्टर्ड हैं। जेम पोर्टल से अब तक 22,479 करोड़ रुपए की खरीदारी की गई है।
समस्या होने पर यहां करें संपर्क
जेम पोर्टल पर पंजीकरण या खरीद में आने वाली किसी भी समस्या के निवारण के लिए GOTT-PMU का गठन किया गया है, जिसके लिए जेम सेल निर्यात भवन, द्वितीय तल, 8 कैण्ट रोड, कैसरबागए लखनऊ या मोबाइल नंबर 7823922518 या ई मेल gemcellup@gmail.com से सम्पर्क किया जा सकता है।