खाली पदों पर जल्द होंगी भर्तियां, समीक्षा बैठक में सीएम योगी के सख्त निर्देश, पढ़ें पूरी बात…

सीएम योगी ने सभी विभागों में रिक्त पदों पर यथाशीघ्र नियुक्ति करने के निर्देश दिए. समीक्षा बैठक के दौरान सीएम योगी ने कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा, "सेवाओं में इन युवाओं को वरीयता दी जाए. इन्हें आयु में छूट और अनुभव के लिए भारांक दिया जाना चाहिए. इस संबंध में सुस्पष्ट नीति तैयार करें."

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की समीक्षा की. इस दौरान शासन के कई आला अधिकारी मौजूद रहे. सीएम योगी ने सभी विभागों में रिक्त पदों पर यथाशीघ्र नियुक्ति करने के निर्देश दिए. समीक्षा बैठक के दौरान सीएम योगी ने कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए.

सीएम योगी ने कहा, “आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सभी सीएम फेलो अच्छा कार्य कर रहे हैं. शासन के साथ जुड़कर आकांक्षात्मक विकासखंडों में कार्य करने का यह अवसर युवाओं को मूल्यवान अनुभव प्रदान करने वाला है. फेलोशिप कार्यक्रम के अंतर्गत शोधार्थियों को प्रदेश सरकार के साथ नीति, शासन, प्रबन्धन, कियान्वयन अनुश्रवण के कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्राप्त हुआ है. इससे शोधार्थियों को विकास के विभिन्न क्षेत्रों को समझने तथा उनमें सहयोग करने का सुअवसर मिला है, जो उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक है. सीएम फेलो की सेवावधि पूर्ण होने के बाद भविष्य में होने वाली शासकीय सेवाओं में इन युवाओं को वरीयता दी जाए. इन्हें आयु में छूट और अनुभव के लिए भारांक दिया जाना चाहिए. इस संबंध में सुस्पष्ट नीति तैयार करें.”

सीएम योगी ने आगे कहा, “राज्य सरकार योग्य, नवाचारी और कर्मठ अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने की नीति के साथ कार्य कर रही है. इसी भाव के साथ विवत 06 वर्ष में वरिष्ठ पदों पर तैनाती की औसत अवधि में विस्तार हुआ है. 2012-17 तक जिलाधिकारी स्तर पर जहां औसतन 12 माह का कार्यकाल होता था, आज न्यूनतम 18 माह की अवधि मिल रही है. इसी प्रकार, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव पद पर 2012-17 के मध्य औसतन कार्यकाल 17 माह का हुआ करता था, आज औसतन 26 माह की अवधि मिल रही है. इससे अधिकारियों को कार्य करने के बेहतर अवसर मिल रहे हैं. उन्हें अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का मौका भी मिल रहा है.”

उन्होंने कहा, “समयबद्ध पदोन्नति शासकीय सेवा का अनिवार्य हिस्सा है. हर कर्मचारी को नियत समय पर इसका लाभ मिलना ही चाहिए. पदोन्नति की प्रक्रिया अनावश्यक लंबित न रखी जाए. इस वर्ष मुख्य सचिव/अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/ विभागाध्यक्ष स्तर पर की जाने वाली पदोन्नति की कार्यवाही प्रत्येक दशा में 30 सितंबर तक पूरी कर ली जाए. कर्मचारियों के एसीआर को उनकी कार्यक्षमता/कार्यपद्धति से जोड़ा जाना चाहिए. इस संबंध में तकनीक की मदद से एक बेहतर कार्ययोजना तैयार करें.”

उन्होंने आगे कहा, “कर्मचारियों की नियुक्ति, स्थानांतरण, अवकाश प्रबंधन, मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर, वेतन आहरण, सेवा पुस्तिका प्रबंधन और कार्यमुक्ति के लिए मानव संपदा पोर्टल के उपयोग किया जाना चाहिए. इस पोर्टल के अब तक के उपयोग से न केवल शासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है बल्कि कर्मचारियों को आसानी भी हुई है. बढती आवश्यकताओं के दृष्टिगत इसे और प्रभावी बनाये जाने की आवश्यकता है.”

सीएम योगी ने आगे कहा कि कार्मिक विभाग के अंतर्गत पूर्व से स्थापित प्रशिक्षण समन्वय प्रकोष्ठ के कार्यों के साथ डिजिटल प्रशिक्षण का समन्वय करने तथा मानव सम्पदा पोर्टल एवं ई-अधियाचन सम्बन्धी परियोजनाओं को संचालित करने हेतु सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा एक नए अनुभाग “कार्मिक अनुभाग-5” का सृजन किया जाए. लोकतांत्रिक व्यवस्था में कर्मचारी संगठनों का पूरा सम्मान है. शासन स्तर के अधिकारियों से हर विभागाध्यक्ष तक कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों/प्रतिनिधियों से संवाद बनाये रखें. उनकी समस्याओं/आवश्यकताओं का प्राथमिकता के साथ यथोचित निस्तारण किया जाए.

उन्होंने निर्देशों के क्रम में आगे कहा, “लखनऊ में निर्माणाधीन राज्य प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी को यथाशीघ्र क्रियाशील किया जाए. ऐसे विभाग जिनके पास अपने प्रशिक्षण संस्थान नहीं है उनके लिए यहां पर फाउंडेशन/इंडक्शन प्रशिक्षण का कार्यक्रम किया जाए. यह अकादमी समस्त समूह ‘ख’ के नवनियुक्त अधिकारियों को एक साथ आधारभूत प्रशिक्षण देने में उपयोगी होगा. इसके साथ ही, सचिवालय प्रशिक्षण संस्थान को उपाम के नवीन परिसर में स्थापित भी किया जाना चाहिए.”

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