पार्टी और परिवार के बीच धर्म संकट में फंसे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, गाजीपुर सीट बना गले की हड्डी !

देश में होने वाले अगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अब सभी राजनैतिक दल तैयार है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच हुए...

वाराणसी। देश में होने वाले अगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अब सभी राजनैतिक दल तैयार है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच हुए I.N.D.I.A गठबंधन के तहत हुए सीटो के समझौते के बाद सपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कई लोकसभा सीट पर कर दिया है। सपा और कांग्रेस के बीच खीच तान के बाद बात बनने के बाद अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से ही धर्म संकट में पड़ गए गई। यह धर्म संकट उनके अपने परिवार की नैतिकता और पार्टी के प्रति समर्पण के बीच है। यह संकट किसी और ने नही बल्कि अजय राय के परिवार के धुर विरोधी अंसारी परिवार। (मुख्तार अंसारी) ने लाकर खड़ा कर दिया है। दरसल समाजवादी पार्टी ने गाजीपुर लोकसभा सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में कांग्रेस और सपा के बीच हुए गठबंधन के तहत अब अजय राय को अपने भाई के हत्या के आरोप में सजा काट रहे मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को चुनाव में जिताने के लिए प्रचार करना होगा।

अजय राय ने मुख्तार अंसारी को दिलवाई उम्र कैद की सजा, अब मुख्तार के भाई के लिए करना होगा प्रचार

मुख्तार अंसारी को अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या का आरोपी मानते हुए कोर्ट ने जून 2023 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। करीब 32 साल पहले लहुराबीर में हुए इस हत्याकांड के केस में अजय राय ने मुख्य रूप से गवाही दिया था और मुख्तार अंसारी को सजा दिलाने के लिए लगातार पैरवी करते रहे। वही राजनीति में बनते बिगड़ते समीकरण के बीच अब एक बार फिर अजय राय को अपने विरोधी मुख्तार अंसारी के परिवार के साथ आना पड़ेगा। बतौर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को गठबंधन के प्रत्याशी अफजाल अंसारी के लिए भूमिहार जाति का गढ़ माने जाने वाले गाजीपुर लोकसभा में प्रचार करना पड़ सकता है। ऐसे में अब अजय राय को अपने परिवार की नैतिकता और पार्टी के बीच आए धर्म संकट को दूर करने के लिए वाराणसी लोकसभा सीट का फार्मूला बचा सकता है।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने सपा के साथ 17 सीटो पर किया है समझौता, वाराणसी से अजय राय लड़ सकते हुए चुनाव

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए इंडी गठबंधन के तहत सीटो का बटवारा कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीट पर कांग्रेस 17 और सपा 63 सीटो पर अपनी ताल ठोकेगी। वही गाजीपुर सीट को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की मुश्किलें अब मात्र वाराणसी लोकसभा सीट ही दूर कर सकती है। राजनैतिक जानकारों के अनुसार अंसारी और राय परिवार के बीच कांग्रेस प्रदेश को इस धर्म संकट से वाराणसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनकर बचाया जा सकता है। यदि अजय राय एक बार फिर पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाते है, तो वह गाजीपुर लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार से बच सकते है। यदि ऐसा नहीं होता है, तो अजय राय को गठबंधन के तहत मुख्तार अंसारी के भाई के लिए प्रचार करना होगा। ऐसे में अजय राय के सामने वाराणसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनना ही मात्र एक विकल्प है, जिससे वह अपनी पार्टी के प्रति समर्पण और अपने पारिवारिक नैतिकता को बचा पाएंगे।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल, वाराणसी

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