मनी लॉन्ड्रिंग केस : कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 9 जून तक ED कस्टडी में भेजा, ईडी ने मांगी थी 14 दिन की न्यायिक हिरासत

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सत्येंद्र जैन की 14 दिन की ईडी हिरासत की मांग करते हुए कहा कि हमने सत्येंद्र जैन को पूछताछ के लिए बुलाया और सवाल जवाब किये लेकिन सवालों के सही जवाब नहीं मिले, हमको पता करना है कि यह किसके पैसे की हेराफेरी कर रहे थे. वह पैसा सत्येंद्र जैन का था या किसी और का है?

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को हवाला लेनदेन से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली की कोर्ट ने 9 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी. सत्येंद्र जैन को आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल CBI जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट में ईडी ने पेश किया. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था. सत्येंद्र जैन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया था.

ईडी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि फरवरी 2015 से मई 2017 से के बीच जो ट्रांजेक्शन हुआ हमारे पास उसकी डाटा एंट्री है. जिससे पता चलता है कि कैसे हवाला में पैसा लगाया गया और दिल्ली से कलकाता बेस्ड शेल कंपनी को पैसा भेजा गया. कोर्ट ने ED से पूछा 14 दिन की कस्टडी क्यों चाहिए? ED ने कहा जो चेक अभी तक कैश नही हुए है उनके बारे में जानकारी निकालनी है. साथ ही जो चेक मिले हैं वह किन लोगो के पैसे है? क्या उन पैसों को इस्तेमाल भी हवाला में हुआ है या नहीं यह सब पता करना है? 8 कंपनियों के शेयर खरीदे गए है वह जैन से जुड़ी हुई है. जिन कंपनियो से पैसा ट्रांसफर किया गया है उसका सोर्स भी पता नही है.

ईडी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले की जांच में अहम सबूत मिले हैं. उनका सतेंद्र जैन से आमने सामने पूछताछ भी करना है. ED ने कहा इस मामले में सतेंद्र जैन को अंतरिम जमानत भी नही दी जानी चाहिए क्योंकि अगर सतेंद्र जैन जमानत मिलेगी तो वह सुबूतो के साथ छेड़छाड़ कर सकते है. स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन की तरफ वकील हरिहरन ने कहा कि यह मामाल 2017 से चल रहा है. इसमे जो भी आरोप लगाए गए उनका कोई आधार नहीं. इस मामले में लगातार में जांच एजेंसी को सहयोग कर रहे हैं. जांच एजंसी की जांच किस रफ्तार से चल रही है यह किसी से छुपा नहीं है. CBI मामले में भी मुझ से जुड़ा आय का कोई स्रोत नहीं बता पाई.

स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन की तरफ से वकील हरिहरन ने कहा कि जांच एजेंसी के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पैसा मेरे द्वारा दिया गया था. जांच एजेंसी ने उनके घर की दो बार तलाशी ले चुकी है. उनके बैंक खाते भी जब्त कर लिए गए हैं. सह आरोपी के बैंक लॉकर में सब कुछ मिला. उनका इससे कोई संबन्ध नही है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कई बैक खातों में पैसों के लेनदेन का पता चला है. कई शेल कंपनी के बारे में पता चला है जिनमें सिर्फ इस मामले से जुड़े ही ट्रांजेक्शन हुए है. जांच में पता चला कि दिल्ली से कोलकत्ता हवाला के जरिए पैसे का लेन देन हुआ है. जिसके जरिए जमीन खरीदी गई, दिल्ली में जमीन खरीदी गई. अंकुश जैन और वैभव जैन शेल कंपनी में डायरेक्टर थे. मंगलायतन प्रोजेक्ट के पैसे को स्वाति जैन को ट्रांसफर किया गया.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सत्येंद्र जैन की 14 दिन की ईडी हिरासत की मांग करते हुए कहा कि हमने सत्येंद्र जैन को पूछताछ के लिए बुलाया और सवाल जवाब किये लेकिन सवालों के सही जवाब नहीं मिले, हमको पता करना है कि यह किसके पैसे की हेराफेरी कर रहे थे. वह पैसा सत्येंद्र जैन का था या किसी और का है?

सत्येंद्र जैन को अगर ज़मानत दी गई तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते है. सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि जिस मंगलायतन प्रोजेक्ट की ज़मीन की बात की जा रही है, मंगलयातान का निवेश 2013 में हुआ, उस जमीन का मूझसे कुछ लेना देना नही है. सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा जिस हवाला रकम की कलकत्ता ट्रांसफर करने की बात कही जा रही है उसका कोई सबूत नहीं है वह मेरा पैसा था, मेरे बैंक अकाउंट की जांच की गई.

सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल के ऊपर आरोप लगाया जा रहा है लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया है. उन्होंने आर्किटेक्ट के रूप में काम किया, उसका पैसा कंपनी ने उनको दिया. जमीन कम्पनी की है, जमीन इनके नाम पर नहीं है. सत्येंद्र जैन ने कहा कार्यालय ग्रहण करने के बाद मैने कंपनी से इस्तीफा दे दिया था. सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि 14 दिन के कस्टडी की कोई जरूरत नहीं है, यह मामला सीधे जमानत का है, ईडी के सभी आरोप निराधार हैं.

ईडी एजेंसी ने पिछले महीने कहा था कि जैन के परिवार और जैन से संबंधित कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति को उनके खिलाफ एक मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया गया है. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में यह कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि फर्जी कंपनियों के जरिये आए पैसे का उपयोग भूमि की सीधी खरीद के लिए या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के लिए लिए गए ऋण की अदायगी के लिए किया गया था.

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