Delhi: प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को चुनौती देते हुए री. कर्नल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की…

नई दिल्ली. प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए एक और नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई। प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को चुनौती देने वाली कुल नों याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका रिटायर कर्नल अनिल कबोत्रा ने वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय के जरिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल किया है। कर्नल अनिल कबोत्रा 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ चुके हैं।

नई दिल्ली. प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए एक और नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई। प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को चुनौती देने वाली कुल नों याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका रिटायर कर्नल अनिल कबोत्रा ने वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय के जरिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल किया है। कर्नल अनिल कबोत्रा 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ चुके हैं।

रिटायर कर्नल अनिल कबोत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का कानून बर्बर विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा अवैध तरीके से पौराणिक ऐतिहासिक पूजा और तीर्थ स्थलों को कब्ज़ा करने को कानूनी दर्जा देता है। याचिका में कहा कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप ऐक्ट हिंदुओं के मौलिक अधिकारों का हनन करता है। याचिका में कहा कि एक्ट विदेशी हमलावरों की बनाई ‘ग़ैरकानूनी इमारतों’को वैधता देता है, हिंदू,सिख,जैन,बौद्ध को अपने धार्मिक स्थलों पर पूजा करने से रोकता है। याचिका में कहा कि पर्सनल लॉ का अपमान कर बनाई गई इमारत को पूजा की जगह नहीं कहा जा सकता है।

इस मामले में अब तक अश्विनी उपाध्याय, सुब्रह्मण्यम स्वमी, जितेंद्रानंद सरस्वती भी सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर चुके है। 12 मार्च 2021 को भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर नोटिस जारी हुआ था। अभी सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया है। ज्ञानवापी मस्जिद और प्लेसेओफ़ वर्शिप ऐक्ट को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की हैं। जमीयत उलेमा ए हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा मामले में उन्हें दलील देने की इजाजत मांगी है। जमीयत उलेमा ए हिंद ने अश्वनी उपाध्याय समेत अन्य याचिकाओं को खारिज करने की मांग की है।सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर गर्मी की छुट्टी के बाद सुनवाई की उम्मीद है।

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