रोगियों को घर के नजदीक उपचार उपलब्ध कराने की सरकार की मुहीम धीरे-धीरे रंग ला रही है। एक साल में करीब 99 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व नगरीय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में मरीजों को इलाज मिलने की राह आसान हुई है। डिप्टी सीएम ने मिडिया को बयान सेट हुए कहा कि सरकार की इस मुहीम से बड़े अस्पतालों से मरीजों का दबाव कम होगा। अस्पतालों में संसाधन बढ़ने से मरीजों का भरोसा सरकारी अस्पताल के प्रति बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा कि अस्पतालों में OPD में रोगियों की संख्या बढ़ी है। ‘डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या में वृद्धि हुई है।
बढ़ाये जा रहे सुविधाये
सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। अस्पतालों में ओपीडी में रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसकी बड़ी वजह अस्पतालों में संसाधनों का बढ़ाया जाना है। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि डॉक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ तक की संख्या में वृद्धि हुई है। आधुनिक मशीनों अस्पतालों में स्थापित की जा रही हैं। टेलीमेडिसिन व टेली रेडियोलॉजी से अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है। वहीं नए अस्पतालों का निर्माण कार्य भी तेज हुआ है।
नये अस्पताल खोले जा रहे
2017 से लेकर अब तक बड़ी संख्या में नगरीय क्षेत्र के अस्पतालों में वृद्धि की गई है। मौजूदा समय में 603 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) संचालित हो रहे हैं। 508 नगरीय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचवीएस) में मरीजों का इलाज मिल रहा है। इनमें लगातार रोगी इलाज का लाभ ले रहे हैं।
मुफ्त मिल रहा इलाज
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि नगरीय अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त डॉक्टर की सलाह से लेकर जाँच तक की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। दवाएं भी फ्री दी जा रही है। मरीजों को घर के नजदीक इलाज मिलने से काफी सहूलियत हो रही है। वहीं बड़े अस्पतालों पर मरीजों का दबाव भी कम रहा है। इससे गंभीर मरीजों को और बेहतर इलाज मिलने की राह आसान हो रही है।
वर्ष | नगर पीएचसी | नगरीय एचवीएस |
2017-18 | 574 | 0 |
2018-19 | 592 | 383 |
2019-20 | 592 | 393 |
2020-21 | 593 | 419 |
2021-22 | 603 | 508 |