वाराणसी। उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू के अलर्ट के बीच अब पेयजल का संकट गहराने लगा है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भीषण गर्मी से गंगा के जलस्तर में हुई कमी की वजह से गंगा किनारे रहने वाले लोगो के साथ अधिकारी भी चिंतित है। गंगा का जलस्तर में हुई कमी के बाद गंगा किनारे लगे भदैनी स्थित पंप हाउस से शोधन के लिए जल उठाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा गंगा किनारे स्थित इलाकों में पेयजल की सप्लाई में कमी देखने को मिल रहा है। ऐसे में पेयजल के संकट से बचने के लिए वाराणसी जलकल के जीएम वीएन मौर्य ने सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर कानपुर बैराज से गंगा में पानी छोड़ने गुहार लगाई है। वही वाराणसी नगर निगम के नगर आयुक्त और जिलाधिकारी ने भी पेयजल की संकट उत्पन्न होता देख गंगा में पानी छोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव और सिंचाई विभाग के सचिव को पत्र लिखा है।
चेतावनी बिंदु के नीचे पहुंचा गंगा का जलस्तर, एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से दर्ज की गई कमी
वाराणसी में गर्मी के मौसम में गहराते जल संकट को लेकर वाराणसी जलकल विभाग के जीएम ने बताया कि बढ़ते तापमान के साथ ही गंगा के जलस्तर में काफी कमी हुई है। वाराणसी में विगत दिनों से कभी दो सेमी तो कभी एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से कमी आ रही है। गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 193 से करीब 4 फीट नीचे 189 तक जा पहुंचा है। ऐसे में यदि हालत नही बदले तो जल्द ही गंगा का जलस्तर खतरे के बिंदु 186 तक जा पहुंचेगा। यदि ऐसा होगा तो वाराणसी शहर में पेयजल की आपूर्ति बाधित हो सकती है। वाराणसी में पेयजल की आपूर्ति बाधित न हो इस लिए कानपुर के गंगा बैराज से पानी छोड़ने के लिए सिंचाई विभाग को पत्र लिखा गया है। वही जिलाधिकारी और नगर आयुक्त ने भी मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत करवाया है।
बैराज से पानी न छोड़ने पर हजारों परिवार का ठप होगा पेयजल की सप्लाई
जलकल के जीएम वीएन मौर्य ने बताया कि गंगा किनारे बने भदैनी पंप स्टेशन से 10 एमएलडी पानी प्रतिदिन शोधन किया जाता है। इस पंप से वाराणसी के नगर निगम के वरुणा नदी के इस पार तक सप्लाई दी जाती है। यदि जलस्तर में कमी हुआ तो इसके हजारों परिवार प्रभावित हो सकते है। गौरतलब है, कि इन दिनों हिट वेब के अलर्ट के साथ वाराणसी का तापमान बढ़ता ही जा रहा है। वाराणसी में अधिकतम तापमान करीब 47 डिग्री और न्यूनतम तापमान 33 डिग्री तक इन दिनों रह रहा है। ऐसे में यदि सिंचाई विभाग कानपुर बैराज से गंगा में पानी छोड़ने में देरी करता है, तो आधा वाराणसी शहर पेयजल के संकट से जूझता नजर आएगा।