पीएम के संसदीय क्षेत्र के इस गांव में आजादी के 76 साल बाद भी नही है सड़क, रेलवे ट्रैक पार कर होता है आवागमन

वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र के हरदत्तपुर गांव में आने जाने के लिए सड़क नही है, ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर रेलवे ट्रैक पार करते हुए ...

वाराणसी। देश के आजाद हुए 76 साल हो गई है, लेकिन पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का एक गांव आज भी गांव को सड़क से जोड़ने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है। वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र के हरदत्तपुर गांव में आने जाने के लिए सड़क नही है, ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर रेलवे ट्रैक पार करते हुए आवागमन करते है। ग्रामीणों के अनुसार गांव के कुछ दूरी पर नेशनल हाइवे और वाराणसी शहर को जाने वाली प्रयागराज – वाराणसी का मुख्य मार्ग है, लेकिन गांव के एक तरफ रेलवे ट्रैक और दूसरी तरफ किसानों की खेती होने की वजह से कोई मार्ग नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि हरदत्तपुर में हरिजन समाज के सैकड़ों परिवार है। गांव की आबादी करीब 600 से अधिक है, लेकिन सड़क न होने से यह मूलभूत सुविधाओं से काफी पिछड़ जाते है।

सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया था वोटिंग का बहिष्कार, आश्वासन के बाद की थी वोटिंग

रोहनिया विधानसभा का हरदत्तपुर के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के दौरान वोटिंग के दिन सड़क की मांग को लेकर वोट का बहिष्कार कर दिया। सुबह से शुरू हुए मतदान के बाद दोपहर के 3 बजे तक गांव में एक भी मतदाता मतदान करने नही पहुंचा था। ऐसे में अधिकारियों को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे, तो पता चला कि गांव में जाने के लिए कोई सड़क नही है। अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि चुनाव के बाद उनकी इस समस्या को दूर किया जाएगा। अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने मतदान किया। वही चुनाव के एक महीना बीतने के बाद अधिकारियों के आश्वासन के अनुसार कोई कार्य प्रगति पर नही दिख रहा है। ग्रामीण अजय गौतम ने बताया कि इसे लेकर एसडीएम से संपर्क किया गया, तो उन्होंने चुनाव के समय न होने का हवाला दिया। अजय गौतम का कहना है, कि लगातार अधिकारियों को अपनी समस्या से अवगत करवाते आ रहे है लेकिन सालों बाद भी कोई ग्रामीणों की समस्या की सुध लेने वाला नही है।

रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान होता है हादसा, कई ग्रामणी गवां चुके है अपनी जान

गांव में आवागमन के लिए कोई मार्ग न होने से ग्रामीण रेलवे ट्रैक को पार करके आते जाते है। स्थानीय सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि रेलवे ट्रैक पार करते समय कई बार ट्रेन की चपेट में ग्रामीण आ जाते है। कई ग्रामीण अब तक रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान अपनी जान गंवा चुके है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने वैकल्पिक तौर पर रेलवे ट्रैक के नीचे बने एक सुख चुके तलाब की पुलिया इस्तमाल कर अपने वाहनों से आते जाते है, लेकिन बारिश होने के बाद वह वैकल्पिक व्यवस्था भी समाप्त हो जाता है। ऐसे में मजबूरन सभी को रेलवे ट्रैक को पार कर गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों के अनुसार गांव से कुछ दूरी पर हरदत्तपुर रेलवे स्टेशन है और वहां रेलवे के द्वारा अंडर पास बनाया जा रहा है, लेकिन गांव से अंडर पास तक जाने के लिए लिंक मार्ग नही है। वहीं ग्रामीणों ने मांग की है कि अगर हमारे गांव में किसी कारणवश अंडरपास नही बन सकता तो हमारे गांव के रास्ते को हरदत्तपुर रेलवे स्टेशन के पास वर्तमान में जो अंडरपास बन रहा है,जिसका निर्माण कार्य चालू है,उसी से हमारे गांव को रास्ते से जोड़ा जाए,इसके लिए रेलवे के पास खुद की ज़मीन है अगर गांव से रास्ता अंडरपास के लिए जुड़ जाए तो भी हम लोगों को आने जाने कुछ तो सहूलियत होगी।

गांव की महिलाओं ने पीएम मोदी से लगाई गुहार, गांव के लिए सड़क बनाने की मांग

हरदत्तपुर गांव में सड़क न होने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। महिलाओं के अनुसार गांव के पुरुष खेतों से होकर आवागमन कर लेते है, लेकिन महिलाओं को रेलवे ट्रैक ही पार करना होता है। गांव की रेखा देवी और रेनू देवी बताती है, कि गांव में यदि को बीमार होता है तो एंबुलेंस नही पहुंच पता है। बीमार व्यक्ति को चारपाई पर लिटाकर रेलवे ट्रैक पार करवाने के बाद अस्पताल पहुंचना पड़ता है। सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि सड़क न होने से चारपाई से अस्पताल पहुंचने में काफी समय लग जाता है। ग्रामीणों ने पीएम मोदी से गुहार लगाई है, कि उनकी इस समस्या को संज्ञान में लेकर इसे दूर करें।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल, वाराणसी

Related Articles

Back to top button