
एक ओर किसान महंगाई की मार झेल रहे हैं तों वहीं कुदरत की मार झेलने के लिए भी किसान मजबूर हो गए हैं। बदले मौसम के मिज़ाज से किसान परेशान हैं। बैमौसम हुई बारिश किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। जिसवजह से किसान ख़ून के आंसू रोने के लिए मजबूर हो गए हैं। दो दिन पहले हुई बारिश में किसानों की फसलें पहले ही बर्बाद हो गई थी पर रही सही कसर लगातार हो रही बारिश से अब बिल्कुल ही बर्बाद हो गई है।
करीब 24 घंटे से हों रही तेज हवाओं के साथ बैमौसम बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई हैं और किसान परेशान हैं बैमौसम हो रही बारिश से किसानों की सरसों की तैयार पकी फ़सल को भारी नुक्सान हो गया है। सरसों के साथ-साथ गेहूं ओर आम की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है।
सबसे ज़्यादा नुक्सान किसानों की तैयार सरसों की फ़सल को रहा है जो खेतों में चादर की तरह बिछ गई हैं। सरसों की फ़सल खेतों में तैयार खड़ी हैं और कुछ खेतों कटी हुई पड़ी हैं हुई बैमौसम बारिश का भारी नुकसना है।