उत्तर प्रदेश सरकार नए तरीके से गैंगस्टर एक्ट लाने जा रही है। जिसकी कवायद शुरू कर दी गई है। प्रदेश सरकार का कहना है कि नए दिशा निर्देश तैयार कर रहे हैं। मौजूदा अपराधिक केस की समीक्षा की जाएगी। सरकार ने ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद लिया जिसमें ये कहा गया था कि कानून कहां लागू होना चाहिए कहां नहीं सरकार को इसकी समीक्षा करनी चाहिये। मामले में सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज से कहा था कि उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के कुछ प्रावधान ‘‘कठोर” प्रतीत होते हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस पूरे प्रकरण में सुनवाई की थी और फैसला सुनाया था साथ ही सरकार को इसकी समीक्षा करने को भी कहा था। मामले में सरकार का ये भी कहना है कि मौजूदा आपराधिक मामलों की भी जांच होगी, अब इस पूरे प्रकरण की सुनवाई अगले साल जनवरी 2025 में होगी।