पंचशील और एसोटेक बिल्डर को जीडीए का बड़ा झटका, क्रासिंग रिपब्लिक में ग्रुप हाउसिंग के नक्शे हुए निरस्त, फर्जी एफिडेविट देकर पास कराया था नक्शा।

गाजियाबाद : जीडीए ने क्रासिंग रिपब्लिक के दो बड़े बिल्डर पंचशील और एसोटेक बिल्डर के ग्रुप हाउसिंग के नक्शे को निरस्त कर दिया हैं। जीडीए द्वारा जारी निरस्तीकरण आदेश में जिक्र है कि बिल्डर ने तथ्य छिपाकर गलत तरीके से नक्शे स्वीकृत कराए गए थे। जिसमें डूंडाहेड़ा गाँव के किसानों की जमीन के खसरा नंबर को गलत तरीके से नक्शे में शामिल कर प्राधिकरण से ऑनलाइन नक्शे पास करा लिए थे। क्रासिंग रिपब्लिक के प्लाट नम्बर GH 1 पर पंचशील और GH 12 पर एसोटेक बिल्डर ने जो नक्शे पास कराए थे वो अब निरस्त हो गए हैं। नक्शा पास होने के बाद जब बिल्डर ने मौके पर चाहर दीवारी का निर्माण शुरू किया तो बिल्डर के उस फर्जीवाड़े की जानकारी किसानों को लगी। तब जाकर इस मामले में किसानो ने जीडीए में शिकायत दी। जीडीए के इस आदेश कर बाद किसानों ने भी राहत की सांस ली हैं।

भाजपा पार्षद ने उठाई थी किसानो की आवाज, शासन स्तर पर की थी शिकायत, शासन ने दिए थे जांच के आदेश।

भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने मामले को उठाते हुए इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगआदित्यनाथ से की थी। स्थानीय स्तर पर जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश से भी शिकायत की गई थी । साथ ही यह शिकायत मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव आवास को भी भेजी थी। शासन स्तर से जांच के आदेश दिए जाने पर जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश ने इस मामले में जांच कमेटी गठित कर जांच बैठा दी थी। जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि ” प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एसडीएम सदर से जमींन के मालिकाना हक की जांच कराई गई। जिसमें एसडीएम की रिपोर्ट में किसानों के स्वामित्व वाली जमीन पर नक्शा पास कराए जाने की पुष्टि हुई। फिर क्रासिंग रिपब्लिक स्थित भूखंड संख्या जीएच-1 पंचशील बिल्डर व जीएच-12 एसोटेक बिल्डर से इस संबंध में अपना पक्ष रखने को कहा गया था लेकिन बिल्डर जांच कमेटी के सामने अपने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। मंगलवार को भूखंड संख्या जीएच-1 पंचशील बिल्डर व जीएच-12 एसोटेक बिल्डर का नक्शा निरस्त कर दिया गया है।”

क्या है पूरा मामला? कैसे पकड़ा गया बिल्डर का फर्जीवाड़ा।

डूंडाहेड़ा गांव में बलराम सिंह त्यागी, आशाराम त्यागी और शिवकुमार त्यागी की जमीनों पर क्रासिंग रिपब्लिक के बिल्डरों ने गलत तरीके से नक्शे स्वीकृत कराया था। प्लॉट संख्या जीएच-1 पंचशील बिल्डर के प्रोजेक्ट तक पहुंचने के लिए सड़क मौके पर थी ही नही। पंचशील बिल्डर ने बलराम सिंह के हिस्से की जमीन जिसका खसरा नंबर- 627, 628, 587, 588, 589 पर कब्जाकर अवैध रूप से अस्थायी सड़क बना ली थी और तथ्य छिपाकर नक्शा स्वीकृत कराया। इसी तरह भूखंड संख्या जीएच-12 एसोटेक बिल्डर के प्रोजेक्ट के अंदर व पहुंच मार्ग में बलराम सिंह के हिस्से की जमीन खसरा 3नंबर-627 व 628 आते हैं। इसके बावजूद बिल्डरों ने तथ्य छिपाकर जीडीए के तत्कालीन अधिकारियों से मिलकर नक्शे पास कराए। बिल्डरों का फर्जीवाड़ा यही तक नही रुका उन्होंने किसानों की जमीन कब्जाने के लिए फर्जी शपथ पत्र भी लगा दिए थे। जब जांच आगे बढ़ी तो किसान बलराम सिंह को इसकी जानकारी लगी जिसके बाद जांच कमेटी के सामने बलराम सिंह ने बयान दर्ज कराये थे। बिल्डर के खिलाफ फर्जी शपथ पत्र देने के मामले में पुलिस को भी मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखित शिकायत दी गयी थी।

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