
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 6 दिसंबर को नई दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने हर तरह के आतंकवाद और रक्षा क्षेत्र की चुनौतियों पर चर्चा की। दोनों की मुलाकात के बाद जारी एक संयुक्त बयान से यह पता चलता है कि मोदी और पुतिन के बीच हुई वार्ता में शंघाई कन्वेंशन के तहत क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे में सुधार करने और पाकिस्तान से उभरने वाले आतंकवादी खतरों का मुकाबला करने पर चर्चा को जोर दिया गया।
व्लादिमिरि पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के इस मुलाकात में विशेष रूप से रासायनिक और जैविक आतंकवाद के खतरों पर भी बात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने निरस्त्रीकरण पर एक सम्मेलन में रासायनिक और जैविक आतंकवाद से निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पर बहुपक्षीय वार्ता आयोजित करने का आह्वान किया।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा सुरक्षित पनाहगाहों, आतंकवाद के वित्तपोषण, मादक पदार्थों की तस्करी और कट्टरपंथ के खिलाफ वैश्विक मंचों पर आवाज बुलंद का भी आग्रह किया। सीमा पार आतंकवाद के उभरते खतरे पर जोर देते हुए, पुतिन और मोदी दोनों ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इसे ध्यान में रखने की आवश्यकता है।