जानिए क्यों काशी में मोक्ष के लिए करना पड़ रहा इंतजार, श्मशान घाट पर लगी शवों की लंबी कतार !

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर शवों का अंतिम संस्कार करने पहुंचने वाले शव यात्रियों को दोहरी परेशानी झेलनी पड़ रही है। एक तरफ भीषण गर्मी में जहां चिताओं की उठती आग की लपटों से यात्री बचने की कोशिश करते है, तो वही दूसरी ओर गंगा घाट के तपते पत्थरों पर शव यात्रियों को खड़े रहने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है

वाराणसी। मोक्ष की नगरी काशी में इन दिनों शवों को मोक्ष के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। प्रसिद्ध मणिकार्णिका घाट पर शवदाह करने आने वाले यात्री शवदाह के लिए घंटो इंतजार कर रहे है। श्मशान घाट पर आने वाले शवों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतार लगी है। वाराणसी में यह नजारा इन दिनों आम सा हो गया है, वजह भीषण गर्मी बताया जा रहा है। भीषण गर्मी होने के कारण मृतकों की संख्या में इज़ाफा होने से यह स्थिति उत्पन्न हो गई है, कि अब मोक्ष के लिए भी वेट करना पड़ रहा है।

गर्मी की वजह से बढ़ी शवों की संख्या, वेटिंग लिस्ट में शव

वाराणसी सहित आसपास के जिलों में भीषण गर्मी की वजह से मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ है। यही वजह है कि श्मशान घाट पर भी शवदाह करने के लिए बड़ी संख्या में लोग शवों को लेकर पहुंच रहे हैं। शवों की संख्या अचानक से बढ़ने के कारण लोगो को अंतिम संस्कार के इंतजार करना पड़ रहा है। स्थानीय दुकानदारों की माने तो यह नजारा अनुमान कड़ाके की ठंड और भीषण गर्मी में होता है। जब मृतकों की संख्या अचानक से बढ़ने लगती है,तो श्मशान घाट पर भी भीड़ बढ़ जाती है। ऐसे में जगह की कमी होने के कारण शवदाह के लिए यात्रियों को वेट करना पड़ता है। वही शवदाह की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि आम दिनों में शवदाह के लिए मणिकर्णिका घाट पर 50 से 60 शव आते है,लेकिन कुछ दिनो से इसकी संख्या बढ़कर 100 से ज्यादा हो गई है।

तपते पत्थरों और चिताओं की तेज लपटों के वजह से शवदाह में हो रही परेशानी

वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर शवों का अंतिम संस्कार करने पहुंचने वाले शव यात्रियों को दोहरी परेशानी झेलनी पड़ रही है। एक तरफ भीषण गर्मी में जहां चिताओं की उठती आग की लपटों से यात्री बचने की कोशिश करते है, तो वही दूसरी ओर गंगा घाट के तपते पत्थरों पर शव यात्रियों को खड़े रहने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बढ़ती भीड़ के शवदाह करने पहुंचे यात्री छांव वाले स्थान की तलाश तो करते है, लेकिन सभी को वह स्थान मुनासिफ नही हो पाता। बता दें कि वाराणसी में इन दिनों तापमान 44 डिग्री से ऊपर है और ऐसे में गंगा घाटों पर लगे पत्थर काफी तप रहे है।

यूपी -बिहार सहित कई राज्यों से आते है शव…

मोक्ष की कामना को लेकर अंतिम संस्कार के लिए मणिकर्णिका घाट पर केवल वाराणसी ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के कई जिलों और बिहार से शव पहुंचते है। मान्यता के अनुसार काशी के गंगा तट पर स्थित मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवों का अंतिम संस्कार करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि अन्य स्थानों पर भी शमशान घाट होने के बाद भी लोग शव करने के लिए वाराणसी के इन दो प्रसिद्ध घाट पर पहुंचते।

रिपोर्ट : नीरज जायसवाल

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