
मार्च में भारत की खुदरा महंगाई दर घटकर 3.34% पर आ गई, जो अगस्त 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों की कीमतों में आई कमी के कारण हुई है। फरवरी में खुदरा महंगाई दर 3.61% थी।
ब्लूमबर्ग के एक सर्वे में मार्च के लिए महंगाई दर का औसत अनुमान 3.5% लगाया गया था। खाद्य एवं पेय पदार्थों की महंगाई दर फरवरी के 3.84% से घटकर मार्च में 2.88% हो गई। सब्जियों की महंगाई दर में सबसे अधिक गिरावट देखी गई, जो फरवरी में -1.07% थी और मार्च में -7.04% हो गई। मासिक आधार पर देखा जाए तो सब्जियों की महंगाई दर फरवरी से मार्च के बीच 5.7% कम हुई है। वहीं, मुख्य महंगाई दर (core inflation), जिसमें खाद्य और ईंधन शामिल नहीं होते, मार्च में बढ़कर 4.2% हो गई, जो फरवरी में 4.08% थी।
कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा कि अपेक्षा से कम महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए राहत देने वाली है, जिससे बैंक विकास पर ध्यान केंद्रित रख सकेगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई अपनी नरम मौद्रिक नीति बनाए रखेगा और रेपो दर 5-5.25% के बीच रहने की संभावना है।
पिछले हफ्ते हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि खाद्य महंगाई को लेकर दृष्टिकोण अब सकारात्मक हो गया है। आरबीआई ने FY26 के लिए सीपीआई महंगाई दर का अनुमान 4% और पहली तिमाही के लिए 3.6% लगाया है।