भारत में भी तबाही मचाएगा मंकी पॉक्स? इस देश में 548 लोगों ने गंवाई जान….

कांगों (DRC) देश साल 2022 के आखिर से ही एमपॉक्स बीमारी से लड़ रहा है. इसके साल अफ्रीका के 12 देश में भी इसका प्रकोप देखा गया है.

Mpox Deaths in Democratic Republic of the Congo: मंकी पॉक्स ने दुनियाभर के लोगों को डरा दिया है, यूरोप और एशिया में तो ये फैल ही रहा है, लेकिन अफ्रीका में ये खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. यही वजह है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने एमपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. अफ्रीकी महाद्वीप के देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ द कांगों (DRC)में ये बीमारी अपना विकराल रूप दिखा रही है…

क्या है एमपॉक्स के लक्षण?

एमपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है जो वायरस के संपर्क में आने से होती है. वायरस के शुरुआती लक्षण बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द है. इसके बाद जब मरीज का बुखार उतर जाता है तब उसके शरीर पर चकत्ते आ जाते है. ये पूरे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैल जाते हैं. संक्रमण आम तौर पर अपने आप ठीक हो जाता है और 14 से 21 दिनों के बीच रहता है. गंभीर मामलों में घाव पूरे शरीर और विशेष रूप से मुंह, आंखों और गुप्तांगों पर होते हैं. शरीर में यह वायरस आंख, श्वसन तंत्र, नाक या मुंह में प्रवेश कर सकता है.

बीमारी की क्या है वजह?

एमपॉक्स वायरस संक्रमित जानवर जैसे कि बंदर, चूहे और गिलहरी के संपर्क में आने से यह भी हो सकता है. इसकी जद में सबसे ज्यादा वे लोग आते हैं जो कई पार्टनर के साथ शारिरिक रिश्ते बनाते हैं या गे हैं. यौन सक्रिय लोग भी इस बीमारी के निशाने पर होते हैं.
डीआर कांगो में इस बार मंकी पॉक्स वायरस फैलने का कारण ज्याता यौन संपर्क है, लेकिन यह अन्य समुदायों में भी पाया गया है. डीआर कांगो में ही 1970 में मंकी पॉक्स का सबसे पहला मामला आया था.

भारत के करीब आया एमपॉक्स

कांगों (DRC) देश साल 2022 के आखिर से ही एमपॉक्स बीमारी से लड़ रहा है. इसके साल अफ्रीका के 12 देश में भी इसका प्रकोप देखा गया है. अफ्रीका के बाहर यूरोप के स्वीडन और एशिया के पाकिस्तान में भी एमपॉक्स के मामले दर्ज किए गए हैं. यानी ये बीमारी भारत के काफी पास आ चुकी है, इसलिए हमें भी अलर्ट रहने की जरूरत है.

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