पांव में पड़े छाले लेकिन नहीं टूटा हौसला, मुस्लिम युवक ने पैदल यात्रा कर किया केदारनाथ के दर्शन

अहमद रजा ने केदारनाथ धाम के दर्शन करने के लिए 1 जुलाई को घर से निकला। इस दौरान वह 22 जुलाई को पैदल यात्रा करके केदारनाथ धाम के दर्शन करे वापस लौटा।

केदारनाथ धाम का दर्शन करना करीब करीब हर इंसान का सपना होता है। इस दौरान कुछ लोग का यह सपना पूरा भी होता है और कुछ लोगों का सपना ही रह जाता है। हालांकि केदारनाथ धाम के दर्शन करना ज्यादा कठिन नहीं है। हवाई यात्रा से आसानी से जाया जा सकता है लेकिन ज्यादा किराया होने के कारण लोग हवाई यात्रा का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। ऐसे में लोगों को सड़क मार्ग के जरिए ही यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन यहां की पहाड़ी युक्त दुर्गम रास्ते कई लोगों के लिए मुनासिब नहीं रहते हैं। इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आई हैं जहाँ एक मुस्लिम युवक ने 21 दिनों में पैदल यात्रा कर बाबा केदारनाथ धाम के दर्शन किए।

मजहब नहीं बन पाया आस्था में बाधक

दरअसल, अहमद रजा नाम का एक मुस्लिम युवक भगवान भोलेनाथ का बहुत बड़ा भक्त है। लेकिन उसकी आस्था के बीच मजहब कभी बाधक नहीं बना। उसने एक संकल्प के तहत बाबा केदारानाथ के दर्शन करने के लिए घर से पैदल निकल गया। इस दौरान उसने कई बाधकों को पार करते हुए पैदल यात्रा करके 21 दिनों के भीतर केदारनाथ धाम पहुंचा।

1 जुलाई को यात्रा के लिए निकला

अहमद रजा ने केदारनाथ धाम के दर्शन करने के लिए 1 जुलाई को घर से निकला। इस दौरान वह 22 जुलाई को पैदल यात्रा करके केदारनाथ धाम के दर्शन करे वापस लौटा। इस दौरान उसने बताया कि वह गूगल मैप्स के सहारे यात्रा करता था। वहीं वह शॉर्टकट रास्ते लेकर करीब 1400 किलोमीटर की यात्रा को कम किया। उसने बताया कि वह प्रतिदिन 60 से 65 किलोमीटर की यात्रा करता था। साथ ही बताया कि पैदल चलने के कारण उसके पैर में छाले पड़ गए, लेकिन हिम्मत न हारते हुए उसने यात्रा जारी रखी। इसके अलावा उसने बताया कि वह सुबह 4 से 5 के बीच यात्रा की शुरूआत करता था। जिसमें दिन भर में करीब 40 से 45 किमी और रात में 20-25 किमी यात्रा करता था।

खराब मौसम नहीं रोक सकी हौसला

अहमद ने बताया कि मैं धन्य हूं कि जो केदारनाथ धाम के दर्शन कर सका। नहीं तो खराब मौसम, भारी बर्फबारी के बीच के कारण कई लोग वापस चले गए। उन्होंने कहा कि भारी बर्फबारी के बीच चलना खतरे से कम नहीं था। जहाँ एक तरफ बर्फबारी हो रही थी तो एक तरफ गहरी खाई थी। इस दौरान कई लोगों ने मनोबल बढ़ाया तो कई लोगों ने हिंदू-मुस्लिम की बात कर मनोबल को गिराया भी। लेकिन धर्म से बड़ा इंसानियत को मानकर लगातार आगे बढ़ता गया।

पिता मदरसे में शिक्षक

आपको बता दें कैमा निवासी अहमद रजा ने केदारनाथ धाम के दर्शन करने का अपना अनुभव सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर के बताया। उसने बताया कि वह निचलौल शहर स्थित एक महाविद्यालय में बीए की पढ़ाई कर रहा है, जोकि 21 साल का है। उसका एक भाई अरशद रजा भी पढ़ाई कर रहा है। उसके पिता मदरसे में एक शिक्षक है। वहीं उसकी मां नजमा खातून एक गृहणी हैं।

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