NASA ने खोजा नया तारा, अब तक खोजे गए धरती से सबसे दूरस्थ तारों में से एक है “Earendel”, जानें क्या है खास?

अंतरिक्ष विज्ञान की यह बड़ी खोज तारों की दुनिया के बारे में संदेहों और नए नवाचारों से पर्दा उठाने की दिशा में एक लंबी छलांग के तौर पर देखा जा रहा है। पृथ्वी से अब तक का सबसे दूरस्थ तारा "इकारस" था। जिसे आधिकारिक तौर पर, एमएसीएस जे1149+2223 लेंसेड स्टार के नाम से जाना जाता था।

नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने अब तक खोजे गए सबसे दूरस्थ तारे की खोज की है। यह तारा धरती से 12.9 अरब से भी अधिक प्रकाश-वर्ष की दुरी पर स्थित है। नासा का मानना है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बाद यह कई अरब वर्षों से आकाशगंगा में मौजूद है। नासा ने इस नए स्टार सिस्टम को आधिकारिक तौर पर WHL0137-LS के रूप में पहचान दी है, लेकिन इसे “Earendel” उपनाम दिया गया है, जिसका अर्थ पुरानी अंग्रेज़ी में “सुबह का तारा” से लिया गया है।

हालांकि एरंडेल को लेकर अभी इसके तारा होने का संशय बरकरार है लेकिन बहुत सारे सबूत “Earendel” के एक स्टार होने की ओर इशारा करते हैं। हालांकि इस बात की पुष्टि करने से पहले वैज्ञानिकों को अत्यधिक डेटा की जरुरत है। इसके बाद ही इस बात का सटीक आंकलन किया जा सकेगा कि “Earendel” एकल तारा है या दो या दो से अधिक तारों का समूह है।

अंतरिक्ष विज्ञान की यह बड़ी खोज तारों की दुनिया के बारे में संदेहों और नए नवाचारों से पर्दा उठाने की दिशा में एक लंबी छलांग के तौर पर देखा जा रहा है। पृथ्वी से अब तक का सबसे दूरस्थ तारा “इकारस” था। जिसे आधिकारिक तौर पर, एमएसीएस जे1149+2223 लेंसेड स्टार के नाम से जाना जाता था।

अध्ययनों में यह पता लगाया गया है कि “इकारस उस समय अस्तित्व में था जब ब्रह्मांड लगभग 4 अरब वर्ष पुराना था या अपने वर्तमान आयु के लगभग एक-तिहाई आयु का था।

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