ओबीसी आयोग की हुई बैठक, अध्यक्ष बोले हमारी प्राथमिकता निकाय चुनाव जल्दी कराना है

लखनऊ : यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के हाईकोर्ट के फैसले पर राजनीतिक हलचल तेज है. ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. विपक्ष सरकार पर पिछड़ों का हक मारने का आरोप लगा रही हैं, तो वहीं यूपी सरकार बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव न कराने की बात कह रही है.

इसी क्रम में सरकार ने रिटायर जस्टिस राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय ओबीसी आयोग का गठन कर दिया था. आज शनिवार को लखनऊ में ओबीसी आयोग की बैठक हुई और आरक्षण से जुड़े मुद्दों पर बात हुई. इसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए आयोग के अध्यक्ष रिटायर जस्टिस राम अवतार सिंह ने कहा कि आरक्षण के लिए हर नियम का पालन होगा, हमारे सामने कई चुनौतियां हैं. हम आरक्षण के लिए देश के अन्य राज्यों के आरक्षण मॉडल को देखा जाएगा.

इसके साथ ही आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि हमको 6 माह का समय मिला और हम जल्द रिपोर्ट देने की कोशिश करेंगे, हम प्रदेश के सभी जनपदों में जाएंगे और वहाँ से डाटा इकट्ठा करेंगे। इसके साथ ही हम सभी जनप्रतिनिधियों से भी मदद लेंगे।इसके साथ ही अंत में उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता निकाय चुनाव जल्दी कराना है, इसके साथ ही हर प्रक्रिया हर नियम का पालन भी किया जाएगा.

गौरतलब है कि, यूपी निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अहम फैसला सुनाते हुए ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट ने तत्काल निकाय चुनाव कराने का निर्देश था। हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि बिना ट्रिपल टेस्ट और शर्तों के ओबीसी आरक्षण तय नहीं किया जा सकता। लेकिन योगी सरकार ने कहा की वह बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं कराएगी। इसके लिए सीएम योगी ने तत्काल ओबीसी आयोगका गठन कर उसकी रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव कराएगी.

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