कभी कहा जाता था चीनी का कटोरा, अब मिलें हो रही बन्द, कैसे होगी किसानों की दोगुनी आय ?

गन्ना किसानों के लिए कप्तानगंज चीनी मिल का बंद होना बड़ा ही दुखद है। जहां सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के लिए लगातार काम कर रही है वहीं कनोडिय चीनी मिल बंद होने से किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है

डेस्क: गन्ना किसानों के लिए कप्तानगंज चीनी मिल का बंद होना बड़ा ही दुखद है। जहां सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के लिए लगातार काम कर रही है वहीं कनोडिया चीनी मिल बंद होने से किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। चीनी मिल चलाने के लिए सपा नेता राधे श्याम सिंह ने आन्दोलन करने का निर्णय लिया था। किसान नेता स्वर्गीय बाबू गेंदा सिंह की जयन्ती पर होने वाला किसानों का आन्दोल डीएम के आश्वासन के बाद सपा के मंत्री राधेश्याम सिंह ने स्थगित कर दिया।

कप्तानगंज चीनीमिल चलाने और किसानो का लगभग 42 करोड़ के बकाये का भुगतान को लेकर आज से कलेक्ट्रेट पर धरना का एलान किया था। जिसके बाद कुशीनगर जिलाधिकारी रमेश रंजन के आश्वासन मिलने पर स्थगित कर दिया। कभी चीनी का कटोरा कहा जाने वाला कुशीनगर जिले का एक और चिनी मिल बन्द होने के बाद उसे चलाने की मांग तेज हो गई है। किसानों के दैनिक दिनचर्या पर संकट आ पड़ा है। किसानों के अनुसार बिजली का बिल, बच्चों की फीस और दैनिक उपभोग की वस्तु का संकट आ गया है।

आजादी के पहले 1930 में शुरू हुई कनोड़िया शुगर मिल के बन्द होने की चर्चा के बाद किसानों की सांस अटकी हुई है। कप्तानगंज की कनोड़िया चिनीमिल पर क्षेत्र के किसानों का लगभग 42 करोड़ का बकाया है। जिसके भुकतान को लेकर सपा सरकार के मंत्री राधेश्याम सिंह ने आज से आंदोलन शुरू करने की बात कही थी। आज जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद उसे स्थगित किया है। अगर आश्वासन के बाद भी मिल नहीं चली तो गांधीवादी तरीके से आगे मिल चलाने और किसानों के भुगतान के लिए आंदोलन शुरू कर देंगे।

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