रिपोर्ट– रोहित मिश्र
रायबरेली. आप आईएएस हो या आईपीएस सम्मान आपका तब तक है जब तक आप उस जनपद में तैनात हो और आपके जाते ही आपकी अहमियत उसी विभाग में कूदे के ढ़ेर के बराबर हो जाती है, जी हां यह हम नही बल्कि कुछ वो तस्वीरे है जो भारत समाचार के कैमरे में कैद हुई है जिसमे देखा जा सकता है कि अधिकारियों के तबादले के बाद उनकी क्या अहमियत रह जाती है।
कूड़े के ढेर में पडे इस नेम प्लेट को गौर से देखिए इसमे बकायदा लिखा है श्लोक कुमार आईपीएस और आगे लिखा है पुलिस अधीक्षक रायबरेली जी हां यह साहब जब रायबरेली जनपद में तैनात थे तो इनकी पुलिसिंग की चर्चा राजधानी में होती थी साहब के कार्यकाल में अपराध का ग्राफ भी कम हुआ और विभाग में भी इनके कार्य की सराहना जमकर होती थी पर जैसे ही साहब का तबादला हो गया और नए कप्तान साहब आलोक प्रियदर्शी ने कार्यभार ग्रहण किया वैसे ही तत्कालीन साहब की कद्र भी कूड़े के ढेर के बराबर हो गई और इनके नाम की नेम प्लेट कूड़े के ढेर में फेंक दी गई।
जैसे ही यह सूचना विभाग के आलाधिकारियों को लगी कि उनकी ये कारगुजारी कैमरे में कैद हुई वैसे ही एक फॉलोवर को तत्काल उस नेम प्लेट को उठाने के लिए भेज दिया गया जब कूड़े के ढेर से नेम प्लेट उठाई गई तो उसके पास ही वर्तमान अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव की भी नेम प्लेट देखने को मिली। फिलहाल इस मामले में अब पुलिस महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है।