शराब का कच्चा माल करमुक्त,अब शराब निर्माताओं को 5 हजार करोड़ का फायदा होने की उम्मीद

बता दें कि शराब निर्माताओं को 5 हजार करोड़ का फायदा होने की उम्मीद है.ENA मतलब ‘एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल’ वैट के बाद GST भी मुक्त.

लखनऊ- यूपी देश में तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा शराब निर्यात करता है. अब शराब का कच्चा माल करमुक्त होने के साथ कंपनियां मालामाल होंगी.

बता दें कि शराब निर्माताओं को 5 हजार करोड़ का फायदा होने की उम्मीद है.ENA मतलब ‘एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल’ वैट के बाद GST भी मुक्त.बजट में एलान के बाद शराब इंडस्ट्री को अरबों का फायदा होगा.यूपी में करीब 100 डिस्टलरी हैं और 13 प्लांट अभी लग रहे हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था ENA पर वैट नहीं GST लगेगा.चूंकि GST कानून में शराब पर GST का प्रावधान ही नहीं है.इसलिए माना जा रहा था कि ईएनए GST में शामिल किया जाएगा. लेकिन बजट में साफ कहा गया, शराब,ENA पर GST नहीं लगेगा.यानी शराब कंपनियां न तो वैट और न ही GST भुगतान करेंगी.

नियमों के मुताबिक राज्य सरकार केवल अल्कोहल पर वैट ले सकती हैं, लेकिन ENA पर 12 फीसदी वैट लिया जाता था.शराब कंपनियों का तर्क था. कि ENA के अन्य औद्योगिक इस्तेमाल भी हैं. साल 2017 में जीएसटी आया, मगर शराब को इसके दायरे से बाहर रखा गया.सरकार और शराब कंपनियों के बढ़ते विवाद के बीच एक कंपनी हाईकोर्ट चली गई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जैन डिस्टिलरी बनाम यूपी सरकार के केस में आदेश दिया कि ईएनए पर वैट नहीं जीएसटी लगेगा. चूंकि जीएसटी कानून में शराब पर जीएसटी का प्रावधान ही नहीं है, इसलिए इस आदेश के खिलाफ यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई.

माना जा रहा है कि ENA को 18 फीसदी जीएसटी स्लैब में शामिल किया जाएगा. मंगलवार को बजट में साफ कर दिया गया कि न तो शराब और न ही ईएनए पर जीएसटी लगेगा.

शराब निर्यात में उत्तर प्रदेश नंबर तीन पर

शराब निर्यात में देश के 10 प्रमुख राज्यों में यूपी पांचवें से तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. आंध्र प्रदेश और गोवा पीछे छूट गए हैं. पिछले पांच वर्षों में 11 हजार करोड़ का निवेश हुआ है और 60 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है.अल्कोहल और शराब उत्पादन दोगुने से अधिक हुआ है.

स्पष्टता होना बहुत जरूरी

ऐसे मामलों में स्पष्टता होना बहुत जरूरी है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईएनए पर वैट रुक गया. 18 फीसदी जीएसटी का प्रस्ताव था, जिसे लेकर कल के बजट में स्पष्ट हो गया कि ईएनए पर जीएसटी भी नहीं देनी होगी. इससे एक तरफ शराब कारोबारियों को मोटा फायदा होता दिख रहा है तो दूसरी तरफ उन्हें ये भी डर सता रहा है कि भविष्य में वैट लागू कर दिया गया तो समस्या हो सकती है.

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