दिल्ली- ऊर्जा के क्षेत्र में भारत तेजी से अपने कदम को आगे बढ़ा रहा है. और नए-नए टारगेट को अचीव करने की कोशिश कर रहा है. इसी में एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि देश की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 452.69 गीगावाट में अक्षय ऊर्जा का योगदान 46 प्रतिशत है।
देश की कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता 200 गीगावाट (गीगावाट) को पार कर गई है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने कहा कि भारत की आरई क्षमता केवल एक वर्ष में 24.2 गीगावाट (13.5 प्रतिशत) बढ़कर अक्टूबर 2024 में 203.18 गीगावाट तक पहुँच गई।
एमएनआरई ने कहा, “नवीकरणीय ऊर्जा अब कुल क्षमता का 46.3 प्रतिशत से अधिक है।” इसने कहा कि भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 452.69 गीगावाट तक पहुँच गई है। परमाणु क्षमता के साथ, भारत की कुल गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता 2023 में 186.46 गीगावाट की तुलना में 211.36 गीगावाट थी। कुल 203 गीगावाट में से सौर ऊर्जा 92.12 गीगावाट, पवन ऊर्जा 47.72 गीगावाट, बड़ी पनबिजली परियोजनाएं 46.93 गीगावाट और छोटी पनबिजली परियोजनाएं 5.07 गीगावाट उत्पादन करेंगी। बायोमास और बायोगैस ऊर्जा सहित बायोपावर, नवीकरणीय ऊर्जा मिश्रण में 11.32 गीगावाट अतिरिक्त जोड़ता है।