
नई दिल्ली– भारतीय शेयर बाजार में हाल के उतार-चढ़ाव के बावजूद, प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह में एक बड़ी वृद्धि देखने को मिली है। 12 जनवरी, 2025 तक एसटीटी संग्रह 75 प्रतिशत बढ़कर 44,538 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2024 में इसी अवधि में यह आंकड़ा 25,415 करोड़ रुपये था। यह वृद्धि विशेष रूप से प्रतिभूतियों के वायदा और विकल्प (एफएंडओ) सेगमेंट में एसटीटी बढ़ने के कारण हुई है।
एफएंडओ सेगमेंट पर एसटीटी वृद्धि को सट्टा बाजार गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लागू किया गया था। इसके बावजूद, एसटीटी संग्रह में बढ़ोतरी जारी रही, जो यह संकेत देती है कि बाजार में सक्रियता और निवेशक उत्साह बरकरार है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को पेश किए गए बजट में 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी एफएंडओ पर एसटीटी को दोगुना करने का प्रस्ताव रखा था। इसके बावजूद, जुलाई से एसटीटी संग्रह में वृद्धि हो रही है, और यह वृद्धि जारी रही, जब शेयर बाजार में तेजी से उछाल आया और फिर जुलाई और दिसंबर 2024 के बीच एक बड़ा सुधार हुआ।
विश्लेषकों का मानना है कि यह वृद्धि सरकार की वित्तीय स्थिरता के लिए सकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह कर संग्रह में सुधार को दर्शाता है। हालांकि, बाजार में अस्थिरता के बावजूद एसटीटी संग्रह में यह वृद्धि एक बड़ी सफलता मानी जा रही है और इसे बाजार के स्वस्थ विकास का संकेत माना जा रहा है।