तो सिर्फ सपा के कार्यकर्ताओं पर हो रही है एफआईआर, क्या है इसके पीछे का पूरा मामला?

10 मार्च को आये उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव तो सत्ता की चाबी भाजपा को मिली और समाजवादी पार्टी ने मात खायी. अखिलेश यादव चुनाव से पहले अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे और सपा के समर्थकों में बेहद उत्साह था लेकिन जब नतीजे आये तो पता चला की उत्तर प्रदेश की जनता को कुछ और ही निर्णय पसंद था. अब जब चुनाव नतीजे आ गए हैं तब से यूपी में ये देखने को मिल रहा है कि प्रदेश के तमाम हिस्सों में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं समेत उपद्रवियों के ऊपर एफआईआर की खबरे सामने आ रहीं है.

लखनऊ: 10 मार्च को आये उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव मे सत्ता की चाबी भाजपा को मिली और समाजवादी पार्टी ने मात खायी. अखिलेश यादव चुनाव से पहले अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे और सपा के समर्थकों में बेहद उत्साह था लेकिन जब नतीजे आये तो पता चला की उत्तर प्रदेश की जनता को कुछ और ही निर्णय पसंद था. अब जब चुनाव नतीजे आ गए हैं तब से यूपी में ये देखने को मिल रहा है कि प्रदेश के तमाम हिस्सों में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं समेत उपद्रवियों के ऊपर एफआईआर की खबरे सामने आ रहीं है. पूरब से पश्चिम तक प्रदेश के कई जिलों से ऐसी खबरे आ रहीं हैं कि समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं पर नामजद समेत कई प्रकार के मुकदमे थोपे जा रहें हैं.

चुनाव मतगणना के पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कहने पर सपा के कार्यकर्ता जगह जगह स्ट्रांग रूम में रखे ईवीएम की सुरक्षा में लग गए जिसमे कई स्थानों पर पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच नोक झोक की खबरे भी आयी थी. अब कई जगहों से खबरे आ रही है कि भारी मात्रा में सपा के कार्यकर्ताओं के ऊपर मुकदमे लादे जा रहें हैं, वाराणसी से शुरू हुए ईवीएम विवाद ने ऐसा तूल पकड़ा कि पूरे प्रदेश में सपा के कार्यकर्ताओं ने अधिकारीयों तक की गाड़िया चेक करनी शुरू कर दी. अब इन्ही सब मामलों में पुलिस अपनी कार्यवाई कर रही है.

वाराणसी, बलिया, हापुड़, सहारनपुर, गोरखपुर, बस्ती आगरा समेत अन्य कई जगहों पर कार्यकर्ताओं समेत उपद्रवियों पर कार्यवाई की गयी है. वाराणसी में 8 मार्च को हुए ईवीएम बवाल पर पुलिस महकमा ने 11 मार्च को वाराणसी के जैतपुरा थाने में एसएचओ की तहरीर पर एक मुकदमा दर्ज किया है जिसमे 40 लोगों को नामजद किया गया है और 500 से अधिक अज्ञात लोगो पर मुकदमा दर्ज़ कर दिया गया है. वही बलिया की कोतवाली थाने में भी मुक़दमा दर्ज हुआ है जिसमे 11 लोगों को नामजद किया गया है और 50 – 60 लोग अज्ञात है.

हापुड़ में भी मतगणना से एक दिन पहले एसडीएम की गाड़ी रोककर चेकिंग करने के आरोप में हापुड़ देहात में 6 लोगों को नामजद किया गया है और एफआईआर में 25 से 30 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है.

गोरखपुर की बात करें तो मुख्यमंत्री के गृहजनपद में करीब 100 उपद्रवियों पर मतगणना स्थल पर बवाल मचाने और ईवीएम को लेकर भ्रामक अफवाहें फैलाये जाने की बात कही गयी है. हालाँकि गोरखपुर में पार्टी विशेष के लोग इस घटना में शामिल नहीं थे.

बता दे कि विगत 8 मार्च को वाराणसी के पहड़िया स्थित स्ट्रांग रूम के बाहर ट्रेनिंग के लिए ले जाए जा रहे ईवीएम की गाडी को सपा के समर्थकों ने घेर लिया था और जमकर बवाल काटा था. इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव स्वयं आगे आए और प्रेस वार्ता कर सपाइयों को कहा था की स्ट्रांग रूम के बाहर ईवीएम की सुरक्षा करे. जिसके बाद प्रदेश के सभी स्ट्रांग रूम के बाहर समाजवादियों ने 2 रात बिताई. हलाकि कि सपा को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. सपा ने कुल 125 सीटों पर अपनी जीत हासिल की है.

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