सपा मुखिया अखिलेश यादव का आज यानी सोमवार को रायबरेली दौरा है। जहां पर जिले के दीनशाह गौरा ब्लॉक में स्थित स्वामी प्रसाद मौर्य के कांशीराम महाविद्यालय में बसपा के संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य इस कार्यक्रम को आयोजित कर रहे हैं, जहां अखिलेश कांशीराम की मूर्ति अनावरण के साथ-साथ बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
दलितों के मसीहा डॉक्टर भीमराव आंबेडकर अंबेडकर की सियासी परिकल्पना को लेकर कांशीराम ने बसपा का गठन किया था और दलित समाज के राजनितिक चेतना जगाई थी। बहुजन समाजवादी पार्टी में बाबा साहब और मान्यवर कांशीराम का दर्जा सबसे ऊपर है, वहीं बात करें समाजवादी पार्टी की तो वह डॉक्टर राम लोहिया के विचारों को लेकर चलती रही है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लोहिया के विचारों के साथ बाबा साहब अम्बेडकर की सियासत को अपना लिया है और अब कांशीराम की मूर्ति स्थापित करके दलितों में पार्टी की प्रति चेतना जगाने का काम करने जा रही है। जिससे साफ़ झलकता है की दलित वोट को रिझाने के लिए सपा पार्टी अब लोहिया के विचारों के साथ-साथ अम्बेडकर और कांशीराम के विचारों पर चल रही है।
वहीं इस कार्यक्रम में बसपा के कद्दावर नेता रहे स्वामी प्रसाद मौर्य से लेकर इंद्रजीत सरोज रामअचल राजभर, आरके चौधरी, लालजी वर्मा, त्रिभवन दत्त, डॉ. महेश वर्मा जैसे पुराने नेता शामिल होंगे जो अब समाजवादी पार्टी में है। कांशीराम से सियासत का हुनर सिखने वाले नेताओं के साथ-साथ कांशीराम को भी अखिलेश अपनाने जा रहे हैं। जिसके पीछे साफ़ झलकता है बसपा का वोट अपने पाले में लाने के लिए सपा की यह रणनीति मानी जा रही है।