मतगणना से पहले VVPAT के मिलान संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का जल्द सुनवाई से इनकार, कहा – मतगणना के बाद करेगा सुनवाई

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले RTI कार्यकर्ता राकेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल किया है। याचिका में मतगणना की शुरुआत में ही VVPAT मिलान की भी मांग की गई है। साथ ही याचिका में हर विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट की जांच के उद्देश्य से चयनित मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई।

विधसनसभा चुनाव की मतगणना में VVPAT पर्चियों के EVM से मिलान की संख्या बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई इनकार किया। चुनाव आयोग की तरफ से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि VVPAT की पुष्टि के लिए एक प्रक्रिया कोर्ट ने निर्धारित किया है, आयोग 2019 में आए आदेश का पालन कर रहा है। चुनाव प्रक्रिया के बीच में नई याचिका को नहीं सुनना चहिए।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका मतगणना के बाद ही सुनी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 मार्च को मतगणना होनी है, अंतिम समय में इसमें कोर्ट दखल नहीं देगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि VVPAT पर्चियों के EVM से मिलान को लेकर कोर्ट पहले आदेश जारी चुका है, चुनाव आयोग उसका पालन कर रहा है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में आज मामले की जल्द सुनवाई की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि VVPAT मिलान की प्रक्रिया मतगणना की शुरुआत में ही हो और पांच बूथ के VVPAT की पर्चियों का EVM से मिलान किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परसों मतगणना होनी है, कोर्ट अगर कल सुनवाई करता भी है तो कैसे सभी राज्यों को कल आदेश जारी कर पायेगा?

याचिकाकर्ता की तरफ से वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा था कि मिलान की प्रक्रिया को मतगणना के बाद करना सही नहीं है। इसको मतगणना की शुरुआत में करना चहिये। साथ ही VVPAT के मिलान के लिए EVM मशीन 5 अलग-अलग बूथों से ली जानी चहिए लेकिन अभी आयोग एक बूथ से ही EVM लेता है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा 2019 में इस मामले में आदेश जारी कर चुका है, परसों मतगणना होनी है, याचिका अंतिम समय में दाखिल की गई है।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले RTI कार्यकर्ता राकेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल किया है। याचिका में मतगणना की शुरुआत में ही VVPAT मिलान की भी मांग की गई है। साथ ही याचिका में हर विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट की जांच के उद्देश्य से चयनित मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई।

RTI कार्यकर्ता राकेश कुमार द्वारा एन चंद्रबाबू नायडू एंड अन्य बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए भी राहत मांगी गई। दरअसल, 8 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि हर विधानसभा क्षेत्र से एक के बजाए 5 EVM के नतीजों का VVPAT की पर्चियों से मिलान होना चहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सपा, बसपा, कांग्रेस, RLD, TMC, NCP, CPM, तेलगु देशम समेत 21 राजनीतिक पार्टियों की याचिका पर आदेश दिया था।

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