बीते 9 मार्च को पाकिस्तान में गलती से गिरे ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर भारतीय वायु सेना (IAF) ने अपनी जांच पूरी कर ली है। वायु सेना ने घटना के लिए मिसाइलों की देख-रेख करने वाले स्क्वाड्रन के एक से अधिक अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। आकस्मिक मिसाइल मिसफायर की घटना की जांच एयर स्टाफ ऑपरेशंस (ऑफेंसिव) के प्रमुख सहायक {Assistant Assistant Chief of Air Staff Operations (Offensive)} एयर वाइस मार्शल आरके सिन्हा ने की।
पाकिस्तान के मियां चन्नू इलाके में नियमित रखरखाव के दौरान तकनीकी खराबी के कारण गलती से मिसाइल दगी मिसाइल वाली घटना में एयर वाइस मार्शल सिन्हा ने एक से अधिक अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। समाचार एजेंसी ANI के हवाले से खबर है कि मामले में IAF ने कहा कि जिम्मेदार पाए जाने वालों को “कड़ी सजा” दी जाएगी।
सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि “घटना में एक से अधिक अधिकारी दोषी पाए गए हैं जो इस दुर्घटना को पूरी तरह से टाल सकते थे। दोषी अधिकारियों को त्वरित और कड़ी सजा दी जाएगी।” बता दें कि इस दुर्घटना के कुछ दिनों के भीतर हाई लेवल कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए थे। उस दौरान पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ऑफ पाकिस्तान (ISPR) ने तब कहा था कि सुपरसोनिक प्रक्षेपास्त्र (Supersonic Object) को हरियाणा के सिरसा से लॉन्च किया गया था। इसका संभावित गंतव्य राजस्थान में महाजन फील्ड फायरिंग रेंज रहा था, लेकिन तभी अचानक Supersonic Object की दिशा बदल गई और यह उनके क्षेत्र में 124 किमी अंदर आ गिरा।
हालांकि इस दुर्घटना में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं थी। बहरहाल, मामले की जांच पूरी हो चुकी है और अब IAF के मुताबिक दोषियों के खिलाफ “त्वरित और कड़ी कार्रवाई” की जानी है।