लखनऊ- बुलंदशहर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको जानकर आप चौंक जाएंगे. और यह खबर आपको यह सोचने को विवश कर देगी कि शिक्षा का व्यवसायीकरण किस तरह से स्कूलों पर हावी है. दरअसल यह पूरा मामला बुलंदशहर जिले से सामने आया है. यहां 12वीं में पढ़ने वाला छात्र ज्ञानेंद्र वशिष्ठ जब अपने स्कूल प्रवेश पत्र लेने गया तो मास्टर साहब से उसे पता चला कि 15,400 रुपये फीस बाकी है.
आर्थिक अभाव, शिक्षा में बहुत बड़ी बाधा है। ये कमी किसी को भी बेबस कर सकती है। मुझे बताया गया की एक छात्र की फीस कम पड़ने पर स्कूल प्रबंधन ने उसकी बाइक गिरवी रख ली। बुलंदशहर का यह प्रकरण दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इनकी पूरी फीस तत्काल भरने को तैयार हूं। कृपया इनकी बाइक लौटा दें। pic.twitter.com/FEkJVIkDtJ
— Brajesh Misra (@brajeshlive) February 24, 2023
छात्र ने तुरंत फीस भरने में असमर्थता जताई तो गुरुजी ने उसकी बाइक ही जब्तकर ली. साथ ही गुरुजी ने फरमान सुना दिया कि जबतक बाइक गिरवी नहीं रखोगे तब तक एडमिड कार्ड नहीं दिया जाएगा.
बुलंदशहर
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) February 24, 2023
➡बाइक गिरवी रखकर लिया बेटे का एडमिट कार्ड
➡सोशल मीडिया पर बाइक का पेपर हुआ वायरल
➡ज्ञानेंद्र वशिष्ठ के बेटे जितेंद्र वशिष्ठ 12वीं का छात्र
➡स्कूल की 15,400 रुपये फीस थी बकाया।#Bulandshahr @dmbulandshahr pic.twitter.com/VP5IGuDLu7
बेचारा छात्र करता भी तो क्या! ऐसी स्थिति में छात्र ने अपनी बाइक गुरुजी के पास गिरवी रखकर एडमिट कार्ड लेना ही उचित समक्षा. लेकिन नीचता की हद तो तब हो गई जब कॉलेज प्रशासन ने बाकायदा मुहर मारकर छात्र को एक रशीद दी जिस पर लिखा था ‘पैसा लाना, बाइक ले जाना!’