1993 मुंबई बम धमाके में दोषी अबू सलेम की रिहाई का मामला, केंद्र के इस जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने जताया असंतोष…

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि केंद्रीय गृह सचिव जरिए हलफनामा यह बताए कि क्या भारत सरकार अबू सालेम के पुर्तगाल से प्रत्यर्पण को लेकर दिए गए आश्वासन का पालन करने जा रही है? जिसमें उसकी सजा को 25 साल से अधिक ना दिए जाने का जिक्र था.

सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम धमाकों का दोषी गैंगस्टर अबू सलेम की रिहाई वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की. इससे पहले शीर्ष अदालत ने 12 अप्रैल को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को मामले में एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था.

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि केंद्रीय गृह सचिव जरिए हलफनामा यह बताए कि क्या भारत सरकार अबू सालेम के पुर्तगाल से प्रत्यर्पण को लेकर दिए गए आश्वासन का पालन करने जा रही है? जिसमें उसकी सजा को 25 साल से अधिक ना दिए जाने का जिक्र था.

इस पर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा पुर्तगाल सरकार को दिया गया आश्वासन 10 नवंबर 2030 के बाद प्रभावी होगा. भारत सरकार द्वारा जारी हलफनामे में कहा गया है कि गैंगस्टर अबू सालेम को 25 साल से अधिक सजा ना दिए जाने के मामले में 17 दिसंबर 2002 को पुर्तगाल सरकार को दिए गए आश्वासन के चलते भारत सरकार बाध्य है. सरकार इस आश्वासन का उचित समय पर पालन करेगी.

केंद्र के इस जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने असंतोष जताते हुए मामले में अगली सुनवाई के 5 मई की तारीख मुकर्रर की. बता दें कि 1993 के मुंबई बम धमाकों का दोषी गैंगस्टर अबू सलेम ने पुर्तगाल से हुए प्रत्यर्पण की शर्तों का हवाला देते हुए 2 मामलों में उम्रकैद को चुनौती दी थी.

शर्तों के मुताबिक साल 2027 में उसे रिहा करने की मांग शामिल थी. वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा, मामला 2030 में तय करेंगे जिस पर शीर्ष अदालत ने असंतोष जताया और अब मामले में अगली सुनवाई 5 मई को होगी.

Related Articles

Back to top button