
मेरठ के विक्टोरिया पार्क में 2006 में हुए अग्निकांड में उचित मुआवज़े की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ में अग्नि कांड में मारे गए 65 लोगो के उचित मुआवज़े के निर्धारण के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से ADJ रैंक अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया।
दरअसल पीड़ितों ने सजंय गुप्ता के नेतृत्व में मेरठ विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में राहत कल्याण समिति का गठन किया था। सुप्रीम कोर्ट में सजंय गुप्ता समेत अन्य लोगों ने याचिका दाखिल किया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उनको दिल्ली के उपहार सिनेमा कांड की तर्ज़ पर मुआवज़ा दिया जाये। विक्टोरिया पार्क में 10 अप्रैल 2006 में कंज्यूमर मेला में 10 अप्रैल को आग लगने से 65 लोगों की मौत हो गई थी, 81 लोग गंभीर रूप से तो 85 लोग सामान्य रूप से झुल गए थे।
बता दें पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर न्यायिक आयोग पूर्व जस्टिस एसबी सिन्हा की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जा चुकी है। आयोग ने इस मेले के आयोजकों को घटना के लिए 60 प्रतिशत और सरकारी तंत्र को 40 प्रतिशत दोषी माना। लेकिन पीड़ित लोगों का कहना है कि उन्हें इंसाफ नहीं मिला। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उनको दिल्ली के उपहार सिनेमा कांड की तर्ज़ पर मुआवज़ा दिया जाये।
दरअसल, दिल्ली के उपहार सिनेमा कांड में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़ितों को 20-20 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया गया था। विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में तीन स्तरों पर पीड़ितों को अब तक पांच लाख, दो लाख और एक एक लाख की आर्थिक सहायता मिल चुकी है।