
उधम सिंह नगर पुलिस को वांछित चल रहे आरोपियों का पीछा करना भारी पड़ गया. इतना भारी पड़ा कि पीछा करने के दौरान हुए हादसे में एक युवक की मौत हो गयी. मौत के बाद पुलिस को इसका खामयाजा भारी विरोध का समाना कर झेलना पड़ा. दुर्घटना में हुई मौत के बाद ग्रामीणों ने थाने में जम कर बवाल कर डाला जिसको शांत करने में पुलिस को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा है. पुलिस लगभग 24 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों को शांत करा शव का अंतिम संस्कार कराने में सफल हुई.
शुक्रवार रात ग्राम कामरेड का डेरा केलाखेड़ा में देर रात पुलिस वांछित आरोपी की धड़पकड़ के दौरान गस्त पर थी कि तभी जसवंत सिंह अपने साथी राजेंद्र सिंह के साथ बाइक पर खैर की लकड़ी लेकर घर आ रहा था. बताया गया कि गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों को देखकर घबराए युवक बाइक लेकर भागने लगे और ग्राम मझरा झुंनी के पास मोड़ पर बाइक दुर्घटना ग्रस्त हो गयी जिससे सड़क किनारे पड़े पत्थरों से टकरा गई. हादसे में बाइक सवार जसवंत सिंह और राजेंद्र सिंह घायल हो गए. पुलिस कर्मियों ने दोनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां जसवंत ने देर रात इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
शनिवार सुबह मौत की सूचना पर परिजनों में आक्रोश फुट गया. जसवंत की मां सुरजीत कौर ने पुलिस पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर डाला. सूचना पर आला पुलिस अधिकारीथाने में पहुंच गए। ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिसकर्मियों ने अपने वाहन से बाइक सवार जसवंत सिंह और राजेंद्र सिंह को टक्कर मारी है. उन्होंने घटनास्थल पर पुलिसकर्मियों की क्षतिग्रस्त कार के टूटे हुए सामान आदि को भी दिखाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की. इस दौरान ग्रामीणों की पुलिस अधिकारियों के साथ कई बार नोकझोंक भी हुई. मृतक जसवंत सिंह की मां सुरजीत कौर ने पुलिस को तहरीर सौंप कर कार्रवाई की मांग की.
ग्रामीण शनिवार की सुबह से थाने में जम कर बवाल करते रहें. ग्रामीणों को पुलिस के एसपी सिटी रुद्रपुर मनोज कात्याल, काशीपुर के एसपी अभय प्रताप तथा सीओ बी एस भंडारी खूब समझाते रहे, लेकिन ग्रामीणों का पारा सातवे आसमान पर रहा. ग्रामीणों के हुए इस बवाल के बीच शव का पोस्टमार्टम भी देरी से हुआ और शव को देने में पुलिस ने 24 घंटे लगा दिए. उधम सिंह नगर एसएसपी को दूसरे जिले नैनीताल के एसपी सिटी हल्द्वानी हरबंस सिंह को बुला कर मामले को कड़ी मेहनत के बाद शांत कराया. एसपी सिटी हल्द्वानी को इसलिए बुलाया गया था क्यों कि वह इसी गांव के रहने वाले थे. शव का अंतिम संस्कार करा कर पुलिस ने राहत की सांस ली.