पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को सत्र के संयुक्त बैठक में एक विधेयक पारित किया। यह विधेयक पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को उनकी सजा के खिलाफ अपील करने का अधिकार देगा। पाकिस्तान के इस रवैये पर भारत ने एक बयान जारी कर कहा कि इस्लामाबाद उन्हें निर्बाध काउंसलर एक्सेस देने से वंचित करने के लिए यह विधेयक ला रहा है।
पाकिस्तान संसद द्वारा लाये गये विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि ने जाधव को एक समीक्षा प्रक्रिया के माध्यम से उच्च न्यायालय में अपनी सजा को चुनौती देने की अनुमति दी जा सकेगी। पाकिस्तान संसद द्वारा पारित किया गया यह कानून, अंतराष्ट्रीय न्यायलय (ICJ) द्वारा आदेशित निर्णय का एक अभिन्न हिस्सा था।
MEA के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले को लागू करने के लिए पहले के अध्यादेश की रिपोर्ट देखी है।
“सच्चाई से आगे कुछ भी नहीं हो सकता था। जैसा कि आईसीजे के फैसले के तहत पहले अनिवार्य रूप से पाकिस्तान को आदेशित किया गया था कि, जाधव के मामले की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार के लिए एक बेहतरीन तंत्र बनाये लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया। यही कारण है कि भारत का अध्यादेश के खिलाफ यह रवैया है।”