यूपी: होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के अपर निदेशक निलंबित, जीरो टॉलरेंस नीति के तहत योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई

छात्रवृत्ति के वित्तीय अनियमितता के इस मामले में दो संविदा कर्मियों, लिपिक दिनेश चन्द्र दुबे व सुषमा मिश्रा की सेवा संविदा समाप्त करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। इन दोनो कर्मचारियों नें मेडिसिन बोर्ड से इतर कर्मचारी सुनीता मलिक के नाम का फर्जी डीएससी बनाकर और

14 जुलाई, लखनऊ। भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितता के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के अपर निदेशक (शिक्षा) प्रो. मनोज यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनके साथ ही बोर्ड के वरिष्ठ लिपिक विनोद कुमार यादव पर भी निलंबन की गाज गिरी है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन ने यह कार्रवाई होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड की तरफ से निजी संस्थानों के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति के दुरुपयोग को लेकर समाज कल्याण विभाग के निदेशक द्वारा 13 जुलाई को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर की है।

छात्रवृत्ति के वित्तीय अनियमितता के इस मामले में दो संविदा कर्मियों, लिपिक दिनेश चन्द्र दुबे व सुषमा मिश्रा की सेवा संविदा समाप्त करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। इन दोनो कर्मचारियों नें मेडिसिन बोर्ड से इतर कर्मचारी सुनीता मलिक के नाम का फर्जी डीएससी बनाकर और उसका दुरुपयोग किया है। जिसके तहत मुकदमा दर्ज कराने का फरमान जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की विवचेना आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन से कराने और समाज कल्याण विभाग को आर्थिक क्षति की रिकवरी करने के निर्देश दिए हैं। वित्तीय अनियमितता के लिए उत्तरदायी शिक्षा विभाग और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के खिलाफ संबंधित विभाग कार्यवाही करेगा।


इसके अलावा शासन की तरफ से उत्तर प्रदेश होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड, उत्तर प्रदेश आयुर्वेदिक और यूनानी तिब्बती चिकित्सा पद्धति बोर्ड को निर्देशित किया है कि जब तक बोर्ड की ओर से कालेजों की सम्बद्धता के लिए पाठ्यक्रम और अवस्थापना सुविधाओं आदि के बारे में नियम सक्षम स्तर से जारी न हो जाए, तब तक दोनों बोर्डों की ओर से किसी नए कालेज की सम्बद्धता या मान्यता जारी न की जाए। साथ ही जिन कालेजों की मान्यता या सम्बद्धता दोनों बोर्डों से पूर्व में जारी की जा चुकी है, उनका भौतिक सत्यापन संबंधित जिले के जिलाधिकारी से कराया जाए।

Related Articles

Back to top button