UP Budget: बेसिक, माध्यमिक या हो उच्च, शिक्षा के हर क्षेत्र को बजट में बड़ी सौगात, देखें शिक्षा का पूरा प्रस्ताव…

बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास का विशेष ध्यान रखा गया है।

उत्तर प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट सरकार ने विधानसभा में पेश किया है। इस बार यूपी का बजट 7.36 लाख करोड़ का है। शिक्षा के क्षेत्र में बजट में विशेष ध्यान रखा गया है। बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास का विशेष ध्यान रखा गया है।

बेसिक शिक्षा

  • छात्र/छात्राओं के लिये यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता मोजा एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिये क्रय प्रक्रिया को बन्द करते हुये डी0बी0टी0 के माध्यम से 1200 रूपये प्रति बच्चे की दर से धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में हस्तान्तरित की जा रही है।
  • कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं के लिये निःशुल्क स्वेटर एवं जूता-मोजा उपलब्ध कराने हेतु 650 करोड़ तथा स्कूल बैग हेतु 350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
  • अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के 02 लाख से अधिक बच्चों को वित्तीय वर्ष 2024-2025 मे प्रवेश दिलाये जाने का लक्ष्य है, जिस हेतु 255 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • आॅपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं।
  • वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 300 करोड रूपये से ग्राम पंचायत एवं वाॅर्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना करायी जा रही है जिसके लिये वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 498 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • वनटांगिया गावों में 36 प्राथमिक विद्यालयों के संचालन हेतु 144 पद सृजित किये गये है।
  • गरीबी रेखा से ऊपर के लगभग 30 लाख छात्रों को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 168 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

माध्यमिक शिक्षा

  • वर्ष 2024-2025 तक प्रदेश के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को आधारभूत सुविधाओं से संतृप्त किये जाने एवं प्रत्येक राजकीय माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास तथा आई.सी.टी. लैब की व्यवस्था किये जाने हेतु समग्र शिक्षा योजना के अन्तर्गत 516.64 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • नवीन राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • राजकीय संस्कृत विद्यालयों में छात्रावास एवं मिनी स्टेडियम के निर्माण हेतु 10.46 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • सैनिक स्कूल, गोरखपुर के संचालन हेतु 4 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

उच्च शिक्षा

  • विन्ध्याचल धाम मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद मण्डल मे एक राज्य विश्वविद्यालय तथा देवी पाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिये 51.20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • शिक्षा को प्रोत्साहित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजनान्तर्गत 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार हेतु 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना तथा राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण किये जाने हेतु 55 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

प्राविधिक शिक्षा

  • प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 169 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 75 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन/अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पी0पी0पी0 मोड पर संचालित किया जाना है।
  • वर्तमान में 1874 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र/छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
  • ए0के0टी0यू0 द्वारा उत्तर प्रदेश स्टार्ट अप पालिसी-2020 के अन्तर्गत विश्वविद्यालय परिसर में सेन्टर आॅफ एडवांस स्टडीज के अन्तर्गत एक इनोवेशन हब की स्थापना की गयी है जिसके अन्तर्गत 15 इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित है। उक्त के साथ-साथ 265 स्टार्ट अप्स आॅन बोर्ड हो गये है।

व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास

  • सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था हेतु 01 ट्रिलियन डाॅलर के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लिया गया है। वर्तमान में माध्यमिक स्तर के 804 राजकीय एवं 729 सहायता प्राप्त विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रवीण योजनान्तर्गत 301 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था है।
  • युवाओं को दीर्घकालीन व अल्पकालीन रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन तथा असेवित क्षेत्रों में नवीन केन्द्रों की निजी संस्थाओं की भागीदारी के साथ स्थापना भी की जा रही है।
  • उच्च शिक्षा संस्थानों में भी कौशल आधारित पाठ्यक्रम- बी0बी0ए0 (रिटेल), बी0बी0ए0 (लाॅजिस्टिक), बी0बी0ए0 (हेल्थकेयर) एवं बी0बी0ए0 (टूरिज्म व हाॅस्पिटैलिटी) के लिये 113 महाविद्यालयों का चयन किया गया है।
  • व्यावसायिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिये कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये व्यावहारिक या वोकेशनल ओरियेंटेशन कार्यक्रम तथा माध्यमिक स्तर पर वित्तीय वर्ष 2024-2025 में व्यावसायिक शिक्षा योजना के सुदृढ़ीकरण हतु विद्यालयों को हब एवं स्पोक्स माॅडल के रूप में विकसित करते हुये स्थानीय मांग एवं ओ0डी0ओ0पी0 के अनुरूप अधिकाधिक विद्यार्थियों को जाॅब रोल/सेक्टर में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एवं नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किये जाने की योजना है।
  • इसमें राष्ट्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से 12वीं उत्तीर्ण करने पर यू0पी0 बोर्ड के प्रमाण-पत्र के साथ-साथ कम्प्यूटर शिक्षा में प्रमाण-पत्र प्रदत्त किये जाने पर बल दिया जायेगा।
  • विद्यार्थियों को प्राप्त किये जाने वाले कौशल प्रशिक्षण के क्रेडिट उनके क्रेडिट बैंक में सम्मिलित किया जायेगा। इससे विद्यार्थियों को रोजगार के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सुअवसर प्राप्त होगा।
  • टाटा टेक्नोलोजीज लिमिटेड की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण अन्तिम चरण में गतिमान है।
  • प्रदेश के अन्य ऐसे अवशेष 69 संस्थान जहाॅ कम से कम 5000 वर्ग फीट की भूमि उपलब्ध है का उन्नयन वित्तीय वर्ष 2024-2025 में कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 818.75 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के क्रम में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

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