UP : भ्रष्टाचारी बाबुओं के लिए फरिश्ता बनी कमिश्नर, महीनादारी धन उगाही करते है बाबू, शिकायत के बाद अबतक नहीं हुई कोई कार्यवाही

UP : भ्रष्टाचारी बाबुओं के लिए फरिश्ता बनी कमिश्नर, महीनादारी धन उगाही करते है बाबू, शिकायत के बाद अबतक नहीं हुई कोई कार्यवाही

मेरठ में रीजनल फूड कंट्रोलर का चार्ज संभालने वाली एडीशनल कमिश्नर चैत्रा वी0 विभाग के दो भ्रष्ट बाबुओं के लिए फरिश्ता बन गयी है. 2017 से अनाज की कालाबाजारी और महीना उगाही के भ्रष्टाचारी बाबुओं के खिलाफ यूपी के फूड कमिश्नर ने 20 दिन पहले तत्काल निलंबन का आदेश दिया था लेकिन फाइल और जांच के खेल में चैत्रा वी0 विभाग के कमाऊ पूतों का सस्पैंशन दबाये बैठी है. प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम यहां ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है. राहुल भूषण गौड़ खाद्य एवं रसद विभाग का इतना रसूखदार और पुराना भ्रष्टाचारी है कि 2017 और 2018 में उसके खिलाफ अनाज की कालाबाजारी के दर्ज मामलों में अभी तक पुलिस ने चार्जशीट तक दाखिल नही की है.

राहुल भूषण गौड़ और उसका साथी हेमेन्त कुमार कई सालों से हर जिले के अधिकारी और कर्मचारियों से आरएफसी के नाम पर सलाखों रूपये की महीनादारी वसूलते है. विभाग के लोग बताते है कि यह पैसा आरएफसी को भी जाता है. जनवरी 2022 में एक फोन रिकॉर्डिंग आरएफसी के सामने रखकर इनकी शिकायत बुलंदशहर की केन्द्र प्रभारी रंजना ने की थी.

भ्रष्टाचारियों पर मेहरबान आरएफसी ने रंजना का तबादला शाहजहांपुर करा दिया और विभाग के कमाऊपूतों को बचा लिया. इस मामले में फूड कमिश्नर ने हेमेन्त कुमार का सस्पैंशन करने का आदेश अगस्त 2022 में जारी किया था लेकिन आरएफसी चैत्रा वी0 उसे भी दबाये बैठी है. राहुल भूषण गौड़ के खिलाफ मेरठ में भ्रष्टाचार की ढेरों शिकायतें है. सहारनपुर मंडल में तैनाती के दौरान भी वह अनाज की कालाबाजारी का दोषी पाया गया था. लेकिन इन भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्रवाई नही हुई. यूपी के फूड कमिश्नर के आदेश कैसे हवा में उड़ाये गये है.

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