UP Election: स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी में शामिल, अखिलेश यादव ने कही ये बड़ी चौंकाने वाली बात…

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में शामिल होने के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की है। स्वामी प्रसाद मौर्य का चुनाव से पहले अचानक इस्तीफा देना यूपी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में शामिल होने के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की है। स्वामी प्रसाद मौर्य का चुनाव से पहले अचानक इस्तीफा देना यूपी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का सपा में स्वागत-अभिनंदन’ है। सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले नेता हैं। इनके साथ आने वाले सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं का अभिनंदन है। समर्थकों का सपा में हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है। सामाजिक न्याय का इंकलाब होगा और इस बार 22 में बदलाव होगा।

यूपी के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्या यूपी सरकार में श्रम और सेवायोजन मंत्री थे। वह ओबीसी समाज के लिए एक बड़ा चेहरा थे। इस्तीफे के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्या समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं, स्वामी की मौर्या और कुशवाहा बिरादरी में अच्छी खांसी पकड़ है।

बता दें, स्वामी प्रसाद मौर्य को यूपी के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य कभी बसपा सुप्रीमो मायावती का दाहिना हाथ हुआ करते थे। स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा में भी कैबिनेट मंत्री रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य बीएसपी से बीजेपी में आए थे। मंत्री होने के बावजूद वो बीजेपी में खुद को उपक्षेति महसूस कर रहे थे। मौर्य की सबसे बड़ी शिकायत है कि योगी उनसे ठीक से बात तक नहीं करते थे।

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