UP Election: चुनाव से पहले बदले अमरोहा के समीकरण, इन दो नेताओं के बीच है मुख्य मुकाबला, देखें जातीय समीकरण…

अमरोहा. अमरोहा में इस बार समीकरण बदले हैं। पश्चमी यूपी में किसान आंदोलन और गन्ना किसानों की समस्याओं का मुद्दा काफी अहम है। समय पर गन्ना किसानों को पेमेंट मिले इसके लिए किसानों ने काफी आंदोलन किये। बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है। बीते कुछ सालों में काफी कुछ बदला है।इस चुनाव में क्या होगा। किसको मौका मिलेगा और किसकी लहर चल रही है।

अमरोहा. अमरोहा में इस बार समीकरण बदले हैं। पश्चमी यूपी में किसान आंदोलन और गन्ना किसानों की समस्याओं का मुद्दा काफी अहम है। समय पर गन्ना किसानों को पेमेंट मिले इसके लिए किसानों ने काफी आंदोलन किये। बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है। बीते कुछ सालों में काफी कुछ बदला है।इस चुनाव में क्या होगा। किसको मौका मिलेगा और किसकी लहर चल रही है।

अमरोहा में दूसरे चरण में चुनाव होना है। चुनाव की तैयारियां जोर शोर स चल रही हैं। प्रत्याशी इस बार लाव लश्कर के साथ जनता से तो नहीं मिल पा रहे हैं लेकिन सोशल मीडिया के जरिए और व्यक्तिगत तौर पर मिलकर अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अमरोहा में चार विधानसभा की सीटें हैं। और 14 फरवरी को यहां पर मतदान होना है। समय काफी कम बचा है इसलिए सभी दलों ने पूरा दमखम लगा रखा है।

अमरोहा
नौगांव सीट
कुल आबादी 3 लाख 26 हजार 918
चौहान आबादी 40 हजार
जाट आबादी 25 हजार
मुस्लिम आबादी 1 लाख 20 हजार
यादव आबादी 20 हजार
ब्राह्मण आबादी 5 हजार
गुर्जर आबादी 5 हजार
सैनी आबादी 10 हजार

नौगांवा सीट
मुख्य मुकाबला
देवेंद्र नागपाल बीजेपी प्रत्याशी
कमाल अख्तर सपा प्रत्याशी

अमरोहा सदर सीट

कुल आबादी 3 लाख 12 हजार 862
मुस्मिल आबादी 60 प्रतिशत
हिंदू आबादी 40 प्रतिशत

अमरोहा सदर सीट
  मुख्य मुकाबला

राम सिंह सैनी बीजेपी प्रत्याशी
महबूब अली सपा प्रत्याशी

 अमरोहा
धनौरा सीट

कुल आबादी 3 लाख 45 हजार
मुस्लिम आबादी 1 लाख 35 हजार
हिंदू आबादी 1 लाख 80 हजार

   धनौरा सीट
मुख्य मुकाबला

राजीव तरारा बीजेपी प्रत्याशी
प्रत्याशी घोषित नहीं सपा से

   अमरोहा
हसनपुर सीट

कुल आबादी 3 लाख 63 हजार 677
मुस्लिम आबादी 1 लाख के करीब
हिंदू आबादी 1 लाख से ज्यादा

 हसनपुर सीट
मुख्य मुकाबला

महेंद्र खड़गवंशी बीजेपी प्रत्याशी
फिरे सिंह गुर्जर बीएसपी प्रत्याशी

सभी दलों के प्रत्याशियों की तरफ से दमदार तैयारी और विजय पताका लहराने के दावे किये जा रहे हैं। पश्चिमी यूपी में गन्ना किसानों का मुद्दा काफी अहम है।बीते साल शुरू हुए किसान आंदोलन ने भी समीकरण बदले हैं।पश्चिम में जहां एक तरफ सपा और आरएलडी का मजबूत गठबंधन है तो वहीं दूसरी तरफ योगी और मोदी की डबल इंजन वाली सरकार का काम है।.गठबंधन जीत का दावा कर रहा है तो वहीं बीजेपी को भरोसा है कि उसने पश्चिमि में जो काम किया है पलायन रोका है उसके नाम पर जनता उसे फिर से मौका देगी।

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