रिपोर्ट- दिनेश पांडेय
हल्द्वानी. पहाड़ी इलाको के काश्तकार आजकल आलू की फसल में रोग लगने की वजह से बेहद परेशान हैं। समय पर बारिश ना होने की वजह से आलू की फसल में बीमारी लग गई। महंगे दाम पर आलू का बीज कड़ी मेहनत के बावजूद लगाने के बाद आलू की फसल पूरी तरह से मुरझा गयी गई है। अब हालात यह हो गये है की फसल तो दूर लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है।
काश्तकारों ने आरोप लगाया है कि फसल का बीमा होने के बावजूद भी प्रीमियम के अनुरूप आलू की फसल का बीमा नहीं मिल पा रहा है। नैनीताल जिले का पर्वतीय इलाका ओखलकांडा सब्जी उत्पादन के लिए बहुत मशहूर है, आलू, टमाटर, मिर्च समेत अनेक सब्जियों का यहां बेहतर उत्पादन है, इस इलाके के ग्रामीण आजकल इसलिये परेशान है की जिन लोगों ने आलू की फसल बोयी थी वह किसी अज्ञात रोग की चपेट में आ गयी है, लगातार खेतों में आलू की फसल मुरझा रही है।
काश्तकारों का कहना है की ऐसा रोग आलू की फसल में पहले नही लगा, अधिकतर खेतों के हाल यही है, अब फसल को बचाने का समय भी नही है, जितनी मेहनत आलू की फसल के लिहाज़ से की गई थी उस परिप्रेक्ष्य में लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है, आलू की फसल इसलिए खराब हुई की समय पर बारिश नहीं हुई, कास्तकारों ने आरोप लगाया है कि आलू की फसल का बीमा होने के बावजूद भी उन्हें प्रीमियम के अनुरूप बीमा नहीं मिल पा रहा हैं।
काश्तकारों की फसल खराब हो जाने के मामले पर भीमताल के विधायक राम सिंह कैड़ा ने कहा है की बीमा कंपनियां फसल खराब होने पर तापमान का बहाना बनाकर किसानों को गुमराह कर रही है, उन्होंने बीमा कंपनियों की इस शिकायत को विधानसभा स्तर में भी उठाया था और उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से भी कार्यवाही करने की बात कही है।