यूपी में सबसे अच्छा है कौन सा एक्सप्रेस-वे? पूर्वांचल, यमुना या आगरा..जानें तीनों की खासियतें

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) पर सियासत तेज हो गई है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) पर मचे सियासी हलचल के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज इसका उद्घाटन कर दिया है। पीएम के हाथों उद्घाटन के मौके पर यहां वायुसेना के लड़ाकू विमानों का भी जलवा दिखा।

22500 करोड़ रुपये की लागत से 36 महीने में तैयार 341 किलोमीटर के पू्र्वांचल एक्‍सप्रेस-वे को अब तक का सबसे लंबा और शानदार एक्‍सप्रेस वे बताया जा रहा है। जहां यूपी सरकार ने इस एक्‍सप्रेस-वे की गुणवत्‍ता को प्रमाणित करने में जुटी हैं, वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने कार्यकाल में बने लखनऊ-आगरा एक्‍सप्रेस वे को बेहतर बताते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) की गुणवत्‍ता को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं।

यमुना एक्‍सप्रेस वे (Yamuna Expressway)

बसपा सुप्रीमो मायावती के कार्यकाल में शुरू हुआ यह यूपी का पहला एक्‍सप्रेस-वे था। यह 6-लेन का 165-किमी लंबा एक्‍सप्रेस-वे है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा को उत्तर प्रदेश में आगरा से जोड़ता है। इस एक्‍सप्रेस वे पर 14000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई थी। हालांकि यह एक्‍सप्रेस-वे मायावती के समय में पूरा नहीं हो सका था। इसका उद्घाटन अखिलेश यादव की सरकार बनने के तीन महीने के बाद 9 अगस्त 2012 को नए मुख्यमंत्री बने अखिलेश यादव ने किया था। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की तरह इस एक्‍सप्रेस वे को भी 6 से 8 लेन किया जा सकता है।

लखनऊ-आगरा एक्‍सप्रेस-वे (Lucknow-Agra Expressway)

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे 13 हजार करोड़ की लागत से बना है। सड़क की कुल लंबाई 370 किलोमीटर और चौड़ाई 110 मीटर है। एक्सप्रेस-वे उन्नाव, कानपुर, हरदोई, औरैया, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा और फिरोजाबाद से आगरा को जोड़ता है। सबसे बड़ी खासियत है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) की तरह आपात स्थिति में इस एक्‍सप्रेस-वे की हवाई पटटी पर भी जहाजों की लैंडिंग और टेकऑफ भी की जा सकती है। इस दौरान दोनों ओर से ट्रैफिक भी चलता रहेगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway)

341 किलोमीटर लंबे इस पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को बनाने में कुल 36 महीने लगे जबकि इसमें कुल लागत 22500 करोड़ रुपये की आई है। इस एक्सप्रेस वे से गाजीपुर से लखनऊ की दूरी महज साढ़े तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी। यहां बनने वाली पुलिस चौकियों के साथ हेलिपैड भी बनाया जाएगा।

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