जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को श्रीनगर में अपने घर के पास धरना दिया। सोमवार को हैदरपोरा में हुए पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में दौरान मारे गए दो नागरिकों के शवों की वापसी की मांग को लेकर यह धरना दिया गया। इस धरने की जानकारी स्वयं JKNC ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिये दी गयी। JKNC ने लिखा कि उमर अब्दुल्ला ने हैदरपोरा में मारे गए लोगों के शवों की वापसी की मांग को लेकर शांतिपूर्ण धरना दिया। मृतक के परिवार के सदस्य द्वारा उन्हें (अब्दुल्ला) को सूचित किए जाने के बाद कि अधिकारियों ने शवों की वापसी का आश्वासन दिया है और धरना समाप्त कर दिया गया है।
VP Omar Abdullah led a peaceful sit-in demanding the return of bodies of those killed in Hyderpora. After the family member of the slain informed him that the authorities have assured the return of dead bodies, the protest was called off. pic.twitter.com/puyvp4kkpL
— JKNC (@JKNC_) November 18, 2021
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने हैदरपोरा में विवादास्पद मुठभेड़ जिसमें अल्ताफ अहमद भट और मुदासिर गुल नाम के दो नागरिकों की मौत के बारे में हमेशा से मुखर रहे हैं। इस पुरे घटनाक्रम पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि वे दोनों आतंकियों के “ओवरग्राउंड वर्कर” थे, जिन्हें सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया गया। उनके परिवारों ने कहा कि नागरिकों को “मानव ढाल” के रूप में इस्तेमाल किया गया था और “निर्दयतापूर्वक” हत्या कर दी गयी थी।
मंगलवार को एक बयान में, पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने कहा कि भट और गुल के शवों को हंदवाड़ा में 70 किमी दूर दफनाया गया था और “कानून-व्यवस्था की समस्याओं” के कारण उनके परिवारों को नहीं सौंपा गया था। कुमार ने यह भी कहा कि गुल, जो भट का किराएदार था, एक शीर्ष रैंक का ओवरग्राउंड वर्कर था और आतंकी गतिविधियों में शामिल था। आईजी ने बताया कि गुल कश्मीर के विभिन्न कोनों से लाकर आतंकियों के मॉड्यूल को संचालित करता था. विशेष रूप से, जिस शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में सोमवार रात मुठभेड़ हुई, वह भट का ही था।