वर्ल्ड कैंसर डे पर “रूबरू” कार्यक्रम आयोजित, कैंसर के उपचार और जागरुकता के लिए प्रतिबद्ध मेदांता अस्पताल

मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में मेडिकल ऑंकोलॉजी हेमेटो ऑंकोलॉजी, सर्जिकल ऑंकोलॉजी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ऑंकोलॉजी, हेड एंड नेक कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, यूरो, गायनी इत्यादि जैसी सभी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध है. इसके अलावा यहां माइक्रोबायोलॉजी लैब भी है, जिसमें एफसीटी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोप्सी और उससे संबंधित सभी जरूरी जांचे मेदांता लखनऊ करने में सक्षम है.

लखनऊ. राजधानी स्थित मेदांता अस्पताल कैंसर के उपचार व इसके प्रति जागरुकता लाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी सिलसिले को आगे बढाते हुए मेदांता अस्पताल ने वर्ल्ड कैंसर डे पर “रूबरू” कार्यक्रम का आयोजन किया. यह कार्यक्रम कैंसर सर्वाइवर्स को समर्पित रहा. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई. कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को कैसर सर्वाइवर्स से उनके अनुभवों के बारे में सुनने, सामने आने वाली चुनौतियों और उनका सामना करने के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिला.

इस सत्र ने कैंसर पेशेंट्स व उनके परिजनों को आशा और प्रेरणा भरा एक शक्तिशाली संदेश दिया. इस कार्यक्रम में उपस्थित कैंसर सर्वाइवर्स और कैंसर पेशेंट्स व अन्य लोगों ने आरजे पुनीत से बातचीत की. आरजे पुनीत ने कैंसर जागरूकता और समर्थन के महत्व पर अपना दृष्टिकोण सभी के सामने रखा. मेदांता अस्पताल के डॉक्टर्स ने उम्मीद जताई “रुबरू” कार्यक्रम के माध्यम से सकारात्मक प्रभाव पैदा करने और व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों पर कैंसर और इसके प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी.

इस उपलक्ष्य मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ के मेडिकल डायरेक्टर डॉ राकेश कपूर ने कहा, “मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में विगत वर्षों में कैंसर जैसे असाध्य रोगों के उपचार में बहुत से रोगियों का सफल इलाज किया और इस पद्धति को आगे बढ़ाते हुए हम प्रतिबद्ध हैं कि कैंसर जैसी बीमारी के उन्मूलन के लिए हम नई तकनीकों और विशेषज्ञ डॉक्टर्स की सेवाएं निरंतर उपलब्ध कराते रहेंगे. इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए शीघ्र ही रेडियोथेरेपी का शुभारंभ करने जा रहे हैं.”

कैंसर रोगियों का 14 वर्षों से इलाज कर रहे डॉ. आलोक गुप्ता ने कहा “इस बीमारी के इलाज के लिए जागरूकता अत्यंत आवश्यक है. सभी को समझना चाहिए कि बॉयोप्सी से कैंसर नहीं फैलता है. जबकि प्रारंभिक जांच से यदि बीमारी का पता चल जाता है तो इलाज बेहतर तरीके से होता है. उन्होंने कहा कि बॉयोप्सी से घबराना नहीं चाहिए. जागरूकता और सतर्कता से बेहतर समाधान होता है.”

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अमित अग्रवाल ने बताया “महिलाओं में स्तन कैंसर की रोकथाम के लिए उन्हें सतर्क रहना चाहिए. इसके लिए समय-समय पर मेमोग्राफी व अन्य आवश्यक जांच कराते रहना चाहिए.” डॉ अंशुल गुप्ता, “सिकल सेल एनीमिया और ब्लड कैंसर जैसे असाध्य माने जाने वाले रोगों के इलाज के लिए मेदांता लखनऊ में अब बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है.”

डॉ. हर्ष अत्रि ने कैंसर रोगी की देखभाल और एकरूपता के बारे में बात की. उन्होंने कहा, “दुनिया भर के कैंसर रोगियों को समान प्रकार के देखभाल की आवश्यकता होती है. सभी कैंसर रोगियों के लिए सर्वोत्तम स्तर की देखभाल तक पहुंच भी होनी चाहिए.”

मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में मेडिकल ऑंकोलॉजी हेमेटो ऑंकोलॉजी, सर्जिकल ऑंकोलॉजी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ऑंकोलॉजी, हेड एंड नेक कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, यूरो, गायनी इत्यादि जैसी सभी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध है. इसके अलावा यहां माइक्रोबायोलॉजी लैब भी है, जिसमें एफसीटी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोप्सी और उससे संबंधित सभी जरूरी जांचे मेदांता लखनऊ करने में सक्षम है.

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