यूपी चुनाव में काम आई योगी की सोशल इंजीनियरिंग, हर तबके ने BJP को किया वोट…ऐसे हुआ विपक्ष का सूपड़ा साफ

यूपी में योगी की अगुवाई में भाजपा को बागपत में भी जीत मिली, मथुरा में भी। लखीमपुर खीरी की सीटों पर भी कमल खिला और गोरखपुर में भी। बीजेपी अलीगढ़ में नम्बर वन बनी और बांदा में भी। बीजेपी के अलावा ज्यादातर पार्टियां कुछ इलाकों और कुछ सीटों तक ही सिमट कर रह गई हैं।

सीएम योगी ने पांच साल के कार्यकाल के दौरान अपने कुशल नेतृत्व और कल्याकारी योजनाओं के दम पर पूरे यूपी में बहुत बड़ी लाइन खींच दी, जिसे विरोधी पार नहीं कर पाए। सीएम योगी यूपी के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल भी पूरा किया और दोबारा जीत भी दर्ज की। चुनाव में भाजपा को इस बार सभी वर्ग का वोट मिला। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश को जाति के वोट बैंक को राष्ट्रवादी वोट बैंक में बदल दिया। यूपी में योगी की जीत की कई वजह रही, जिसमें प्रमुख रूप से मोदी का मार्गदर्शन, योगी का शासन, यूपी में गरीबों को राशन, महिलाओं को सुरक्षा का आश्वासन और हिन्दुत्व फैक्टर है।

2022 विधानसभा चुनाव में उनकी डगर मुश्किल थी, सफर बेहद कठिन था लेकिन इसके बावजूद योगी ने हार नहीं मानी। वे अपने कार्यकाल के दौरान कभी हिन्दुत्व के मुद्दे से नहीं हटे और उन्होंने यूपी में विकास की रेल कभी रुकने नहीं दी। लोगों में योगी की इसी तपस्या का ऐसा विश्वास जगा, जिसने योगी है तो यकीन है के नारे को सच करके दिखा दिया। 2022 विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में जाट वोटर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बंट गये।

दलित वोट पहली बार बीएसपी से बीजेपी में शिफ्ट होता दिखा। इस साथ के साथ बीजेपी ने गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, आगरा, कासगंज और एटा में क्लीन स्वीप किया, जबकि अलीगढ़, मथुरा, सहारनपुर, बुलंदशहर में बीजेपी की परफोरमेंस काफी बढ़िया रही। यूपी के हर फेज में चुनाव में बीजेपी विरोधियों को नुकसान हुआ। इस बार के चुनाव में योगी के खिलाफ अखिलेश यादव और जयंत चौधरी, मायावती और प्रियंका गांधी मैदान में थीं।

पश्चिम यूपी में जहां दावा जा रहा था कि एसपी और आरएलडी का गठबंधन आगे रहेगा लेकिन यहां बीजेपी लीड ले गई। जाट लैंड में राष्ट्रीय लोक दल के बड़ी मार्जिन से जीतने का दावा किया गया, पर जाटों ने बीजेपी को सपोर्ट किया। बुंदेलखंड ने भी बीजेपी को सियासी बुलंदी पर पहुंचा दिया।

रुहेलखंड जो समाजवादी पार्टी का गढ़ बताया जाता था लेकिन यहां अखिलेश के किले में यादवों ने चुपचाप कमल को वोट दे दिया। यूपी में पश्चिम से लेकर पूरब तक ऐसी लहर चली कि उसने समाजवादी गठबंधन, बीएसपी और कांग्रेस के लिए कोई चांस ही नहीं छोड़ा।

जनता ने मोदी और योगी के डबल इंजन का साथ देने का फैसला किया। यही कारण रहा कि अखिलेश यादव अपने स्ट्राइक वोट भी नहीं संभाल पाए और कुछ इलाकों में ही समाजवादी पार्टी सिमट कर रह गई। जीत दर्ज करने के लिए अखिलेश यादव ने हर उपाय आजमाए। आरएलडी के साथ गठबंधन भी किया, लेकिन सियासत का हर टोना-टोटका योगी की प्रचंड जीत के सामने फेल हो गया।

भाजपा की लहर 2022 चुनाव में ऐसी चली कि सभी विरोधी दलों के पैरों के नीचे से जमीन निकल गई। अधिकतर क्षेत्रों की पूरी-पूरी सीटें भाजपा के खातें में चली गईं। बुलंदशहर में 7 सीटों पर कमल खिला। आगरा की 09 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज कर इतिहास रचने का काम किया। सोनभद्र की 3 सीटें और वाराणसी की 7 सीटें भाजपा के नाम रही।

गोरखपुर की 8 सीटों पर कमल खिला, देवरिया भी पीछे नहीं रहा यहां 7 विधानसभाओ में कमल का फूल खिल गया। गोंडा की भी 7 सीटें भाजपा के नाम दर्ज हुईं। पीलीभीत की 4 सीटें, शाहजहांपुर की 7 सीटें, खीरी की 8 सीटें, हरदोई की 8 सीटें, उन्नाव की 6 सीटें, फर्रुखाबाद की 4 सीटों पर मोदी-योगी का जादू चला।

कन्नौज की 3, कानपुर देहात की 4, झांसी की 4, ललितपुर 2 सीटें, हमीरपुर की 2 सीटें, महोबा की 2 सीटें भी भाजपा की झोली में पहली बार चली गईं, जबकि सहारनपुर में 7 में से 5 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। बागपत में 03 में से 02 सीटें भाजपा ने अपने नाम की। बरेली में 9 में से 8 सीटें भाजपा के खाते में आईं। सीतापुर की 9 में से 8 सीटें, लखनऊ की 9 में से 7, बांदा में 04 में से 03 सीटों पर कमल खिला।

कानपुर देहात की चारों विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। लखीमपुर खीरी में भाजपा ने सभी आठ सीटों पर जीत दर्ज की जबकि जौनपुर की सदर सीट से बीजेपी कैंडिडेट और योगी कैबिनेट के मंत्री गिरीश चंद्र यादव चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने 6000 से अधिक वोटों से सपा के मोहम्मतद अरशद को हराया।

सोनभद्र जनपद की चारों विधानसभा सीटों पर कमल खिला। हरदोई की आठों विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा हो गया है। गोरखपुर में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया। सीएम योगी के शहर गोरखपुर की सभी 09 सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है। बुंदेलखंड में बीजेपी ने विपक्ष का पूरी तरह सफाया कर दिया। बीजेपी ने बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर जीत दर्ज की।

हरदोई सदर सीट पर इतिहास में पहली बार भाजपा के नितिन अग्रवाल ने 43 हज़ार वोटों से जीत दर्ज की। बीजेपी ने शाहजहांपुर की 6 विधानसभाओं में जीत का परचम लहराया। प्रयागराज की 12 में से 8 सीटों पर भाजपा तो चार पर सपा जीती। बागपत की 02 सीटों पर भाजपा को जीत मिली।

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