लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कई निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को घटना के गवाहों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि गवाहों के बयान तेज़ी से दर्ज किए जाए। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप और श्याम सुन्दरबकी हत्या की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट में मामले की 8 नवंबर को अगली सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट में आज मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने अब तक कि गई कार्रवाही पर सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि मामले में कुछ गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने कराए गए हैं, कुछ बाकी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि 30 गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हो चुके हैं, उनमें से 23 चश्मदीद गवाह भी है। कुछ लोग दूसरे राज्य के थे, जो सबसे नजदीक थे उनकी गवाही सबसे अहम है। जस्टिस सूर्या कांत ने कहा वहां पर 4 से 5 हज़ार लोग मौजद थे, सभी लोकल थे उनमें से ज़्यादातर जांच की की मांग को लेकर आंदोलन भी कर रहे थे अजेसे में सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह ही है? मुख्य न्यायधीश एन वी रमना ने कहा कि क्या इन 23 चश्मदीद गवाहों में से कोई घायल हुआ है? साल्वे ने कहा नहीं, दुर्भाग्य से जिन लोगों को चोटें आईं, उनकी बाद में मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से हरीश साल्वे ने बताया कि राज्य सरकार ने सार्वजनिक विज्ञापन देकर यह मांगा है कि जो चश्मदीद गवाह हैं वह सामने आएं, जिन्होंने कार में असल में लोगों को देखा था। हमने घटना के सभी मोबाइल वीडियो और वीडियोग्राफी पर भी ध्यान दिया है। CJI एन वी रमना ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि इन मामलों में हमेशा एक संभावना होती है। मुख्य न्यायधीश ने कहा अपनी एजेंसी से यह देखने के लिए कहें कि घटना के बारे में बात करने वाले 23 लोगों के अलावा और कितने लोग हैं, जिन्होंने घटना देखी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट से पूछा कि क्या हम आपको सीलबंद लिफाफे में गवाहों के कुछ दर्ज बयानों के बारे में दिखा सकते हैं?
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि चार हजार लोगों में से कई शायद सिर्फ देखने आए थे, लेकिन कुछ लोगों ने चीजों को गंभीरता से देखा होगा और वो गवाही देने में सक्षम हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा गवाह और भी होंगे जो आरोपियों की पहचान कर सकते है। मुख्य न्यायधीश एन वी रमना ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा का भी एक मुद्दा है। साल्वे ने कहा कि उनको सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मारे गए पत्रकार और एक आरोपी के परिवार की शिकायत पर भी यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार इन शिकायतों पर भी अलग से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें।