कानपुर में 10 दिनों के अंदर 125 लोगों की हार्ट अटैक से मौत, सामने आई चौंकाने वाली वजह ?

इस समय हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, पहले जहां हार्ट अटैक को बड़े-बूढ़ों की बीमारी माना जाता था, वहीं आज कम उम्र के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। बीते सोमवार को कानपुर में भीषण सर्दी में 17 लोगों की हार्टअटैक से मौत हुयी है। सोमवार को हार्टअटैक के 44 मरीज कार्डियोलॉजी में भर्ती हुए। 1 जनवरी से अब तक 125 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुयी है। ब्रेन स्ट्रोक के शिकार 44 मरीज हैलट अस्पताल में भर्ती हुए है। ह्रदय रोग संस्थान में 698 ह्रदय रोगियों का इलाज जारी है।

ऐसा माना जाता है कि गर्मी के मौसम के मुकाबले ठंडी में हार्ट अटैक का खतरा और बढ़ जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि सर्दी के मौसम में तापमान कम हो जाने की वजह से दिल की सेहत पर काफी असर पड़ता है।

जाने क्यों आता है हार्ट अटैक ?

अगर हम बात करे की क्यों पड़ता है तो दिल का दौरा तो इंसान को दिल का दौड़ा तब पड़ता है जब जब हृदय को रक्त की आपूर्ति नहीं मिलती या आपूर्ति अचानक बाधित हो जाती है। हृदय को रक्त की आपूर्ति नहीं मिलने के कारण इंसान को दिल का दौरा पड़ जाता है। दिल का दौरा पड़ने का कोई निश्चित समय नहीं होता। यह कभी भी पड़ सकता है। कभी-कभी तो यह कोई संकेत भी नहीं देता है। इस तरह के दौरे को साइलेंट इस्चीमिया कहा जाता है। इसमें खून का दिल तक पहुंचना बाधित हो जाता है

ठंड के मौसम में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा ?

देश में बीते कुछ समय में हार्ट अटैक से मौत होने की घटनाएं तेजी से बढ़ी रही हैं। सर्दी के मौसम में तापमान कम हो जाने से दिल की सेहत पर काफी असर पड़ता है। ठंडे मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए दिल को काफी मेहनत करनी पड़ती है। लगातार ब्लड पम्प करने की वजह से रक्तवाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इस दौरान स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, कार्डियोवेस्कुलर दिक्कतें, एरिथमिया जैसे विकार ठंडे मौसम में बढ़ जाते हैं।

इसके अलावा, सर्दियों में शरीर की तंत्रिका तंत्र की सक्रियता बढ़ जाती है, जिससे रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिसे ‘vasoconstriction’ के रूप में जाना जाता है। इसमें ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ने लगता है और दिल को खून को पम्प करने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जो रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

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