Pollution Index : विश्व के टॉप 100 प्रदूषित शहरों में भारत के 63, दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी दिल्ली

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों में भारत के एक भी शहर शामिल नहीं है. इसी से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी बदतर है. रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि 48 फीसदी शहरों में पीएम-2.5 कणों का स्तर 50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक था, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित मानक से दस गुना है. ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेन मैनेजर अविनाश चंचल ने ‘आईक्यूएयर' के हालिया आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ये आंकड़े खतरनाक है.

Desk: आईक्यूएयर ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट जारी की. दिल्ली फिर से एक बार विश्व में सबसे प्रदूषित राजधानी के तौर पर उभरी है. लगातार 4 साल से दिल्ली विश्व में सबसे प्रदूषित शहर के तौर पर बरकार है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में भारत का कोई भी शहर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित वायु गुणवत्ता मानक पर खरा नहीं उतर सका. साल 2021 में वैश्विक स्तर पर वायु गुणवत्ता की स्थिति बयां करने वाली यह रिपोर्ट 117 देशों के 6,475 शहरों की आबोहवा में पीएम-2.5 सूक्ष्म कणों की मौजूदगी से जुड़े डेटा पर आधारित है.


विश्व के टॉप 50 प्रदूषित शहरों में अकेले भारत के 35 शहर हैं. रिपोर्ट के अनुसार उत्तर भारत की स्थिति सबसे खराब है. देश की राजधानी में पिछले वर्ष के मुकाबले प्रदुषण 15 प्रतिशत बढ़ा है. प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ की सेप्टी लिमिट से लगभग 20 गुना अधिक था, जिसमें वार्षिक औसत के लिए पीएम2.5 96.4 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था. सेफ्टी लिमिट 5 है.
विश्व के 100 प्रदूषित शहरों में 63 सिर्फ भारत के हैं. विश्व का सबसे प्रदूषित शहर राजस्थान का भिवाड़ी है. वही दूसरे स्थान पर दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश का गाज़ियाबाद है.


विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक पर नहीं उतरे भारत के एक भी शहर

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों में भारत के एक भी शहर शामिल नहीं है. इसी से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी बदतर है. रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि 48 फीसदी शहरों में पीएम-2.5 कणों का स्तर 50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक था, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित मानक से दस गुना है. ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेन मैनेजर अविनाश चंचल ने ‘आईक्यूएयर’ के हालिया आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ये आंकड़े खतरनाक है. आगे उन्होंने कहा कि इससे एक बार फिर साबित होता है कि लोग खतरनाक रूप से प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं. वाहनों से होने वाला उत्सर्जन शहरों की आबोहवा में पीएम-2.5 कणों की भारी मौजूदगी के प्रमुख कारकों में से एक है.

विश्व के टॉप 100 शहरों में 63 भारत के

2021 की जारी की गयी आईक्यूएयर के रिपोर्ट्स के अनुसार विश्व के टॉप 100 प्रदूषित शहरों में 63 केवल भारत के है. अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो दुनिया के टॉप 50 शहरों में 14 केवल उत्तर प्रदेश के है. दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषित शहर राजस्थान का भिवाड़ी है तो दूसरे नंबर दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद शहर है. इन सभी शहरों में अल्ट्रा-फाइन पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर स्वीकृत विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सीमा से कम से कम 10 गुना अधिक है। सितंबर 2021 के WHO के नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, PM2.5 सांद्रता स्तर के अनुसार स्वीकृत अच्छी वायु गुणवत्ता 0-5 g/m3 के बीच होनी चाहिए.

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