अटाला मस्जिद या मंदिर ! Jaunpur के इस विवाद पर 22 मई को होगी सुनवाई…

आगरा के एक वकील अजय प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अटाला मस्जिद की मैनेजमेंट कमेटी के खिलाफ दावा पेश किया है।

उत्तर प्रदेश में जौनपुर इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है। एक तरफ यहां होने वाला लोकसभा चुनाव तो दूसरी तरफ यहां से विधायक रहे बाहुबली धनंजय सिंह के चलते आए दिन ये नाम आपको ख़बरों में नजर आ जाता होगा। अब एक बार फिर जौनपुर चर्चाओं केंद्र बन गया है। मगर इस बार मामला सियासत से नहीं बल्कि मंदिर मस्जिद से जुड़ा हुआ है। जी हां, रविवार यानी 19 मई को जौनपुर की अदालत में एक मामले ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। मामला था एक तथाकथित मस्जिद को मंदिर बताने का।

दरअसल, जौनपुर की प्रसिद्ध अटाला मस्जिद को अटाला माता मंदिर बताते हुए अदालत में एक मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसके तहत ये दावा किया जा रहा था कि इस मस्जिद का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था। मगर इससे पहले वो एक मंदिर था जिसको अटाला माता मंदिर के नाम से जाना जाता था। मगर 14वीं शताब्दी में इब्राहिम शाह शर्की के आदेश पर मंदिर को तुड़वाकर मस्जिद में तब्दील कर दिया गया है।

इसी मामले पर आगरा के एक वकील अजय प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अटाला मस्जिद की मैनेजमेंट कमेटी के खिलाफ दावा पेश किया है। हालांकि, मामले पर सुनवाई 22 मई तक टाल दी गई है। अब इस केस पर सुनवाई आगामी 22 मई को होनी है। मंदिर पक्ष के तरफ से अदालत में दलील रखते हुए ये दावा किया गया है कि मंदिर के बचे हुए अवशेष आज भी वहां पर मौजूद हैं। गौरतलब है कि वर्तमान में ये ऐतिहासिक स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग के अधीन संरक्षित है।

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