रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त, क्यों भद्राकाल में नहीं बंधवानी चाहिए राखी

रक्षाबंधन में भद्रा को अशुभ मना जाता है। इस काल में बहन भाई को राखी नहीं बांधती।

रक्षाबंधन में भद्रा को अशुभ मना जाता है। इस काल में बहन भाई को राखी नहीं बांधती। तो चलिए जानते हैं कि राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और भद्रा के बारे में।

भद्रा कौन है?

पुराणों के अनुसार भद्रा शनि देव की बहन यानी सूर्यदेव की पुत्री हैं। भद्रा क्रोधी स्वभाव की मानी जाती हैं। उनके इसी स्वभाव को कंट्रोल करने के लिए भगवान ब्रम्हा ने उन्हें पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया था। यहां बता दें कि भद्राकाल में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। यही कारण है कि इस दौरान राखी भी नहीं बांधी जाती है।

रक्षाबंधन कब है?

इसबार रक्षाबंधन 19 अगस्त को देर रात तीन बजकर 43 मिनट तक है। इसके पश्चात पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी। जबकि 19 अगस्त को रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगा। इस प्रकार रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा।

रक्षाबंधन पर भद्रा कब से कब तक रहेगी? (Raksha Bandhan 2024 Bhadra Time)


पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर भद्रा की शुरुआत सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन दोपहर 01 बजकर 32 मिनट पर होगा।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan Shubh Muhurat)


सावन पूर्णिमा पर राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से लेकर 04 बजकर 20 मिनट तक है। इसके बाद प्रदोष काल में शाम 06 बजकर 56 मिनट से लेकर 09 बजकर 08 मिनट तक है। इन दोनों समय में अपनी सुविधा अनुसार, बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।

बहनें राखी बांधते समय पढ़ें ये मंत्र


ऊँ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

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