
78 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। जहां उन्होंने ‘विकसित भारत @2047’ का संकल्प एक बार दोहराया है। अपने संबोधन में उन्होंने बड़े न्यायिक सुधार और UCC के साफ संकेत दिए। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम संकल्प के साथ बढ़ रहे हैं और बहुत आगे बढ़ रहे हैं। मगर ये भी सच है कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो देश की इस प्रगति को देख नहीं सकते। ये ऐसे लोग होते हैं जो भारत का भला नहीं सोच सकते हैं। जब तक उनका खुद का भला न हो, तब तक उनको किसी का भला अच्छा नहीं लगता है। ऐसी विकृत मानसिकता वाले लोगों की कमी नहीं है। मगर देश को ऐसे लोगों से बचना होगा।
कुछ लोग निराशा की गर्त में डूबे हैं – पीएम मोदी
लाल किला के प्राचीर से पीएम मोदी ने आगे कहा कि, “कुछ लोग हैं जो निराशा की गर्त में डूबे हैं। ऐसे मुट्ठीभर लोग की गोद में जब विकृति पलती है तो वो विनाश और सर्वनाश का कारण बन जाती है। अराजकता का मार्ग ले लेती है। जिससे देश को इतनी बड़ी हानि हो जाती है जिसकी भरपाई करने में नए सिरे से मेहनत करनी पड़ती है।”
‘देश को आगे बढ़ाने के संकल्प से पीछे नहीं हटेंगे’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा कि, “ये विकृति विनाश और सर्वनाश के सपने देखती है, ताने-बाने जोड़ने के प्रयास में लगी रहती है। इसे देश को समझना होगा। मेरा देशवासियों से अपील है कि हम अपनी नेकनीयती से, ईमानदारी से, राष्ट्र के प्रति हमारे समर्पण से इन सभी परिस्थितियों के बावजूद विपरीत मार्ग पर जाने वालों का दिल जीतकर देश को आगे बढ़ाने के हमारे संकल्प से पीछे नहीं हटें। मैं आपको सभी को ये विश्वास दिलाना चाहता हूं।
हमारा देश बुद्ध का देश है, युद्ध हमारी राह नहीं – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पीएम ने कहा की, ‘हमारे सामने चुनौतियां हैं, अनगिनत चुनौतियां हैं। जो भीतर भी हैं और बाहर भी। जैसे-जैसे हम ताकतवर बनेंगे, हमारा तवज्जो बढ़ेगा, वैसे वैसे ही हमारी चुनौतियां भी बढ़ने वाली हैं। बाहर से आने वाली चुनौतियां और बढ़ने वाली हैं। इसका मुझे भली-भांति अंदाज भी है। ऐसी शक्तियों से मैं कहना चाहता हूं- भारत का विकास कभी किसी के लिए संकट लेकर नहीं आएगा। हम दुनियाभर में समृद्ध थे तब भी हमने इस विश्व को युद्ध में नहीं झोंका। हमारा देश बुद्ध क देश है, युद्ध हमारी राह नहीं है। इसलिए भारत के आगे बढ़ने से विश्व चिंतित न हो।’
चुनौतियों को चुनौती देना, हिंदुस्तान की फितरत में है – PM Modi
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, ‘मैं दुनियाभर के समुदाय को विश्वास दिलाता हूं कि आप हमारे संस्कारों को समझिए, भारत के हजारों साल के इतिहास को जानिये, आप हमें संकट मत मानिए, आप उन तरकीबों से मत जुड़िए की पूरी मानवता का कल्याण करने का सामर्थ्य जिस भूमि में है, उस भूमि को ज्यादा मेहनत करनी पड़े। मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं कि चुनौती कितनी भी क्यों न हो, उन चुनौतियों को चुनौती देना, ये हिंदुस्तान की फितरत है। न हम डिगेंगे, न थकेंगे, न रुकेंगे और न हम झुकेंगे। हम इन संकल्पों की पूर्ति के साथ ही 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य सुनिश्चित करने के लिए और राष्ट्र के सपनों को साकार करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम बदनीयती वालों को अपनी नेकनीयत से जीतेंगे।’
हिंडनबर्ग को पीएम मोदी का करारा जवाब
दरअसल, आज लाल किले की प्राचीर से PM Modi ने स्वतंत्रता दिवस पर जिस तरह अपनी बात रखी है कहीं न कहीं उनका इशारा हाल ही में आये हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को लेकर था। बता दें, हिंडनबर्ग रिसर्च की दूसरी रिपोर्ट से भारतीय शेयर बाजार में खलबली मचाने की कोशिश की गई। हालांकि, उसका ये प्रयास विफल रहा। जिसके बाद आज पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर इशारों-इशारों में ऐसी सोच रखने वालों को जमकर लताड़ लगाई है।









